सुपरिचित कवियत्री दीपाली जैन ‘ज़िया’ की मनमोहक कविताएँ
Onग़ज़ल ज़िन्दगी छटपटाती रही रात भर मुझसे नज़रें चुराती रही रात भर जिस्म हंसता रहा, खिलखिलाता रहा रूह आंसू बहाती रही रात भर गिर गए हाथ से दाने तस्बीह के मैं ग़ज़ल गुनगुनाती रही रात भर दर पे आंखें बिछी राह तकती…