कवि कृष्ण कुमार सैनी ‘राज’ दौसा, राजस्थान की मर्मस्पर्शी रचना ‘माँ’ आपके मन को झंकृत कर देगी-
Onमाँ ज़िंदगी की प्रथम पाठशाला है। माँ संसार की अनुपम कृति है। माँ सात स्वरों का संगम है। माँ नूर नहीं कोहिनूर है। माँ प्रेम से भरपूर है। माँ खुदा का दूजा रूप है। माँ प्यार भरा एक कूप है। माँ ममता…