सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा शर्मा की पढ़िये दो कविताएँ

सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा शर्मा की पढ़िये दो कविताएँ

On

 तालरिया-मगरिया मुझे किसी रोही में विचरती रेवड़ का हिस्सा बना दो में-में रिरियाते किसी बकरी का एक बच्चा बना दो ताकि मै पेट भर खा सकूं सांगरी कौ बौराने वाले खेजड़ी के सूखे पत्ते मुझे मेह में बरसी धोरों पर रेंगती सुर्ख-मखमली…

बच्चों पर पढ़ाई और अंकों का दबाव न डालें 

बच्चों पर पढ़ाई और अंकों का दबाव न डालें 

On

कहानी के माध्यम से संदेशयुक्त लेख पिताजी की इच्छा है कि रोहन दसवीं में कॉमर्स विद् मैथ्स ले ……। लेखिका  नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ रोहन का दसवीं का परीक्षा परिणाम निकलने वाला है । घर में सन्नाटा छाया हुआ है । नेट पर…

साहित्यकार नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ राष्ट्र गौरव अवॉर्ड 2018 से सम्मानित 

साहित्यकार नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ राष्ट्र गौरव अवॉर्ड 2018 से सम्मानित 

On

करनाल। एंटी करप्शन फाउंडेशन आॅफ इंडिया ने दानवीर कर्ण की भूमि करनाल के प्रेम प्लाज़ा होटल में पुलिस के शहीदों को समर्पित एक राष्ट्रीय स्तर के भव्य समारोह का आयोजन किया। जिसमें साहित्यकारा नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ सहित देश की 130 महान विभूतियों…

सुपरिचित कवयित्री नंदिनी श्रीवास्तव ‘हर्ष’ की तीन कविताएँ

सुपरिचित कवयित्री नंदिनी श्रीवास्तव ‘हर्ष’ की तीन कविताएँ

On

1- बिटिया घर की शान है , बिटिया ही संसार दो दो कुल का बेटियां, करती बेड़ा पार!! बिटिया तेरी हर खुशी, बसे हमारी जान बाबा की तू लाडली, अम्मा की मुस्कान!! 2- लाख पहरे लगाऊँ मैं जज्बात पर आँख छलकें मिरी…

 जाने-माने ग़ज़लकार अजय अज्ञात, फरीदाबाद की तीन चर्चित ग़ज़लें

 जाने-माने ग़ज़लकार अजय अज्ञात, फरीदाबाद की तीन चर्चित ग़ज़लें

On

 1- क्या फल मिलेगा इसकी न चिंता किया करो बस मन लगा के काम को करते रहा करो रहते हो कामकाज में मसरूफ़ हर घड़ी फुर्सत निकाल कर कभी हम से मिला करो रहबर के भेष में हैं यहाँ राहजन बहुत  दुनिया…

सुपरिचित कवयित्री ममता लड़ीवाल, ग़ाज़ियाबाद की तीन चर्चित रचनाएँ

सुपरिचित कवयित्री ममता लड़ीवाल, ग़ाज़ियाबाद की तीन चर्चित रचनाएँ

On

1- गीत जब भी कलम उठाती हूँ तो, स्याही बन चल जाते हो ! मेरे  गीतों में आ कर तुम, चुपके से ढल जाते हो ! बिम्ब सभी तुम से ही शोभित, हर प्रतीक की सज्जा तुम हाथ पकड़ कर लिखते मुखड़ा, इन…

हास्य कवि डाक्टर वीके मित्तल, दिल्ली की दो चर्चित हज़लें 

हास्य कवि डाक्टर वीके मित्तल, दिल्ली की दो चर्चित हज़लें 

On

मूरख  को चालाक  बताना पड़ता  है  गदहे   को भी बाप बनाना  पड़ता  है  जो अगले ही दिन एंटर  बारात करे  ऐसी मैरिज में भी जाना पड़ता  है और दिनों तुम कितनी भी डाइटिंग  कर लो  शादी में तो ठूंस  के खाना पड़ता…

कवयित्री कुसुम शर्मा, जोधपुर की तीन मनोहारी कविताएँ

कवयित्री कुसुम शर्मा, जोधपुर की तीन मनोहारी कविताएँ

On

1.वक्त का इरादा वैसे तो अपना इरादा है, भला होने का, पर मजा कुछ और है, दुनियाँ में तन्हा रहने का। वक्त से पहले ही, पक जाती है, कच्ची उम्र, मुफलिसी नाम है, बचपन में बडा होने का।। क्या ज़रूरी है, जो…

लेखिका नीरू मोहन की माँ को समर्पित नई कहानी

लेखिका नीरू मोहन की माँ को समर्पित नई कहानी

On

यह कथा एक सत्य घटना पर आधारित है गोपनीयता बनाए रखने के लिए पात्रों के नाम और जगह बदल दिए गए हैं। एहसास ’मीना बनारस के एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती है। परिवार में पति मनीष के अलावा सास-ससुर और मीना…

सुपरिचित शायरा नीना सहर की दो रचनाएँ

सुपरिचित शायरा नीना सहर की दो रचनाएँ

On

 ग़ज़ल   मुझे किसने मुकम्मल कर दिया है, मुसव्विर बोल तू तो जानता है  मेरी पेशानी पर अब क्या लिखा है, मुसव्विर बोल तू तो जानता है  ये जुगनू सा जो आंखों में दिखा है, ये सपना है, भरम है या दुआ…