सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा शर्मा की पढ़िये दो कविताएँ
Onतालरिया-मगरिया मुझे किसी रोही में विचरती रेवड़ का हिस्सा बना दो में-में रिरियाते किसी बकरी का एक बच्चा बना दो ताकि मै पेट भर खा सकूं सांगरी कौ बौराने वाले खेजड़ी के सूखे पत्ते मुझे मेह में बरसी धोरों पर रेंगती सुर्ख-मखमली…