भारतीय संस्कारों पर तमाचा है ‘वीरे दी वेडिंग’

भारतीय संस्कारों पर तमाचा है ‘वीरे दी वेडिंग’

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लेख – फिल्मी पर्दा करे बेपर्दा सभ्यता और संस्कृति किसी भी देश की सर्वश्रेष्ठ शीर्ष की धरोहर मानी जाती है । भारतीय सभ्यता और संस्कृति में एक अनुशासन, नैतिकता, प्यार, सद्व्यवहार झलकता है । मगर आज अंधाधुंध पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण करते…

ग़ज़लकार राजेश मयंक की दो ग़ज़लें

ग़ज़लकार राजेश मयंक की दो ग़ज़लें

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1-कितना सुन्दर, कितना प्यारा प्यार है कौन कहता है ये शै बेकार है तुम तबीयत से ज़रा हां तो करो चाहने को दिल तुम्हें तैयार है बस ज़ुबां चुप है मगर क्या सच नहीं दिल में तेरे भी छुपा इकरार है तुम…

सुकवि ओमीश परुथी की दो बेहतरीन कविताएँ

सुकवि ओमीश परुथी की दो बेहतरीन कविताएँ

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संक्षिप्त परिचय                 सेवानिवृत एसोसिएट प्रोफेसर। आठ पुस्तकें प्रकाशित। हरियाणा एनसाइक्लोपीडिया में योगदान। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में 300 से अधिक रचनाएँ प्रकाशित। अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित। गति की गरिमा           कैसा है…

कमियों में सुधार करती हैं आलोचनाएँ

कमियों में सुधार करती हैं आलोचनाएँ

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हमारे द्वारा किये गये हर कार्य को सराहा जाये हमारे हर कार्य की तारीफ हों, हमें सदैव प्रशंसा ही मिले यह जरूरी तो नहीं और न ही हमें ऐसी कामना करनी चाहिये, न ही हमें यह सोचना चाहिये कि हम जो कुछ…

चर्चित ग़ज़लकारा कीर्ति रतन की दो ग़ज़लें

चर्चित ग़ज़लकारा कीर्ति रतन की दो ग़ज़लें

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आई मुश्किल में जाँ, उसने जानाँ कहा, शर्म से बिन कहे उसको हाँ, आ गये सिर था मगरिब ज़बाँ अपनी मशरिक चली, राज़ होता दिखा जब अयाँ, आ गये कितने वादे हुए, कितनी रुसवाईयाँ, इन निगाहों में सबके बयाँ आ गये  जिनको…

सजग पत्रकार एवं युवा कवयित्री आयुषी त्यागी की दो मनोरम कविताएँ

सजग पत्रकार एवं युवा कवयित्री आयुषी त्यागी की दो मनोरम कविताएँ

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1-कमजोर हूँ, ये न समझना कमजोर हूँ, ये न समझना यह बात अपने ज़ेहन में न उतारना पीती हूँ ज़हर हर रात हर सुबह एक नई जंग लड़ती हूँ देखती हूँ खुली आँखों से सपने और पंख भी कटते देखती हूँ डरती…

 नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ सुपर अचीवर अवार्ड 2018 से सम्मानित 

 नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ सुपर अचीवर अवार्ड 2018 से सम्मानित 

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 मिशन न्यूज़ डॉट कॉम के तत्वावधान में लेखिका  नीरू मोहन ‘वागीश्वरी’ को शिक्षा, साहित्य और लेखन में उत्कृष्ट योगदान के लिए सुपर अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया । अपनी मेहनत, लगन और जज़्बे के दम पर महज़ नाम से एक पहचान…

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की कवि गोष्ठी आयोजित

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की कवि गोष्ठी आयोजित

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खेतों में फसलें नहीं उगने लगे मकान गाजियाबाद। अखिल भारतीय हिंदी साहित्य परिषद्, गाज़ियाबाद के तत्त्वाधान में भव्य कवि गोष्ठी सुखसागर फार्म हाउस में वरिष्ठ गीतकार वेदप्रकाश वेद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। कवि गोष्ठी में 32 रचनाकारों ने हिन्दी साहित्य की…

डाॅक्टर राजीव पांडेय का व्यंग्य नहीं पढ़ा तो क्या पढ़ा

डाॅक्टर राजीव पांडेय का व्यंग्य नहीं पढ़ा तो क्या पढ़ा

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आज अलख सवेरे मेरे मित्र सुखसागर (गुरु से गुरु मंत्र लेने से पहले सूखेराम थे) आ धमके। दनादन बेल बजाकर , ‘अरे प्यारे जल्दी दर्बज्जो खोलो मैं जहाँ हॉफ़ रहो हूँ और तुम आराम फरमा रहे हो।’ मेरे मित्र की भाषा में…

गर्म तपती दोपहर है लड़कियों की जिन्दगी |

गर्म तपती दोपहर है लड़कियों की जिन्दगी |

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🌹गजल 🌹 गर्म तपती दोपहर है लड़कियों की जिन्दगी | एक पथरीली डगर है लड़कियों की जिन्दगी | रास्ते की कुछ खबर है ना ही मंजिल का पता,  एक अनजाना सफर है लड़कियों की जिन्दगी। हर घड़ी हर पल सताए पत्थरों का…