हम खुशहाली में चीन और पाकिस्तान से भी पीछे

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हम मुस्कुराना भूल गये हैं। खुश रहना हमारे बस की बात नहीं रही। हम किसी भी उत्सव पर अपने पड़ोसियों के साथ खुशियां नहीं बांटते। हम पड़ोसियों को छोड़िये अपने माता-पिता, भाई-बहनों आदि रिश्तेदारों को भी अब अपनी खुशी में शामिल करने…