कैम्ब्रिज स्कूल के पुस्तक सप्ताह में विद्यार्थियों की श्रेष्ठ प्रस्तुतियां हुई प्रदर्शित

कैम्ब्रिज स्कूल के पुस्तक सप्ताह में विद्यार्थियों की श्रेष्ठ प्रस्तुतियां हुई प्रदर्शित

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नोएडा। कैम्ब्रिज स्कूल में आयोजित पुस्तक सप्ताह के दौरान हुई विद्यार्थियों की समस्त गतिविधियों की श्रेष्ठ प्रस्तुतियों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं संध्या रानी साहू। वह एन.सी.ई.आर.टी. में अंग्रेजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। विद्यार्थियों…

खराब जीवनशैली से बढ़ती है हाइपरटेंशन की समस्या

खराब जीवनशैली से बढ़ती है हाइपरटेंशन की समस्या

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अनियमित जीवनशैली के चलते लोगों में हाइपरटेंशन की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। जीवनशैली से जुड़ी जटिलताओं, बीमारियों, खाने-पीने की गलत आदतों, जागरूकताकी कमी के चलते बड़ी आबादी हाइपरटेंशन और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे स्ट्रोक, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक एवं अन्य…

आईसीएसई10वीं और आइएससी-12वीं में लड़कियों ने मारी बाजी

आईसीएसई10वीं और आइएससी-12वीं में लड़कियों ने मारी बाजी

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स्वयं दास ने 99.40 अंक हासिल कर 10वीं किया टॉप  – 12वीं में एनसीआर रीजन में अंत्रा कपूर ने मारी बाजी नोएडाः आइसीएसइ-10वीं और आइएससी-12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस बार परीक्षाओं में लड़कियों ने बाजी मारी है।…

हाईस्कूल में रोहन और इंटरमीडिएट में अंजलि ने किया जिला टॉप

हाईस्कूल में रोहन और इंटरमीडिएट में अंजलि ने किया जिला टॉप

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ग्रेटर नोएडा। यूपी बोर्ड की परिणाम रविवार को घोषित हो गया है, जिसमें गौतमबुद्धनगर के हाईस्कूल के 81.51 प्रतिशत और इंटरमीडिएट के 82.75 फीसदी छात्र पास हुए हैं। बिहारी लाल इंटर कॉलेज दनकौर के छात्र रोहन कुमार सैनी हाईस्कूल की परीक्षा में…

फर्जीवाड़े में शामिल आधा दर्जन लोगों पर दर्ज होगा मुकदमा

फर्जीवाड़े में शामिल आधा दर्जन लोगों पर दर्ज होगा मुकदमा

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कोर्ट ने दनकौर पुलिस को दिए हैं आदेश – स्कूल प्रबंधन ने नियुक्ति में किया था फर्जीवाड़ा ग्रेटर नोएडा. सूबेराम पुत्र खचेडू सिंह निवासी कनारसी की याचिका पर सीजेएम गौतमबुद्घ नगर द्बारा दनकौर पुलिस को किसान आदर्श इंटर कॉलेज दनकौर के कार्यवाहक प्रधानाचार्य खुशहाल सिंह, बाबू…

12वीं के इकोनॉमिक्स और दसवीं के गणित की परीक्षा होगी दोबारा

12वीं के इकोनॉमिक्स और दसवीं के गणित की परीक्षा होगी दोबारा

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 नोएडा : सीबीएसई की परीक्षा दे रहे छात्रों को जिसका डर था, आखिरकार वही हो गया। सीबीएसई ने इकोनॉमिक्स और दसवीं के गणित का पेपर रद्द कर दिया है। अब दोबारा इन दोनों विषयों की परीक्षा होगी। परीक्षार्थी पहले ही पेपर रद्द…

 बच्चों में बढ़ रही टाइप-वन डायबिटीज की समस्या

 बच्चों में बढ़ रही टाइप-वन डायबिटीज की समस्या

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आधुनिक चिकित्सा पद्वति से मिल सकती है निजात – 97 हजार बच्चे हैं टाइप-वन डायबिटीज के शिकार         नोएडाः डायबिटीज की समस्या बड़ों के अलावा बच्चों में तेजी से बढ़ रही है। देश के दूसरे हिस्सों के अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी तेजी से बच्चे टाइप-वन डायबिटीज की गिरफ्त में आ रहे हैं। जहां देश में 97 हजार बच्चे टाइप-वन डायबिटीज के शिकार हैं, वहीं, दिल्ली-एनसीआर में प्रति एक लाख बच्चों में 32 बच्चे टाइप-वन डायबिटीज की चपेट में हैं। चिकित्सकों के मुताबिक अगर जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए तोइस समस्या से निजात पाई जा सकती है। ग्लूको मीटर और इंसुलिन पंप जैसे आधुनिक चिकित्सा के जरिए भी इस रोग पर नियंत्रण पाकर बेहतर जीवन जिया जा सकता है। फोर्टिस एवं अपोलो अस्पताल के बाल रोग एवंएडोलसेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. आईपीएस कोचर ने बताया कि इसबीमारी के कारण अग्नाश्य के प्रतिरक्षक प्रणाली में पैदा होने वाला इंसुलिन उत्पादन कोशिकाओं को खत्म करदेता है, जिसके कारण बच्चों को इंसुलिन इंजेक्शन पर निर्भर रहना पड़ता है।उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रति एकलाख बच्चे में 32 बच्चे टाइप-वन डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो चिंताजनक बात है। यह रोग बच्चों में अत्यधिकप्रचलित है, जिसके कारण इसे किशोर मधुमेह कहा जाता है। इस बीमारी का अभी तक कोई वास्तविक कारण का पता नहीं है, लेकिन आमतौर पर माना जाता है कि जब एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा शरीर के विपरीत काम करती है, तो अग्नाश्य में पैदा होने इंसुलिन को यह खत्म करना शुरू कर देती हैं। इन स्थितियों में बच्चे और उनके अभिभावक को चाहिए कि वह खेल गतिविधियों में नियमित हिस्सा लें। ऐसेबीमारी से पीड़ित बच्चों को समाज में बोझ समझा जाता है और मान लिया जाता है कि ऐसे बच्चे दूसरों की तरह सामान्य जीवन कभी नहीं जी सकेंगे। बीमारी के प्रति इस तरह के भ्रम और अज्ञानता के कारण सही इलाज में बाधा उत्पन्न होती है।   सक्रिय जीवन पर असरः  टाइप-वन डायबिटीज का मतलब है कि सक्रिय जीवन को हमेशा के लिए अलविदा कह देना। पहले विभिन्न इंजेक्शन के डोज के कारण लोगों की दिनचर्या सीमित हो जाती थी, लेकिन आधुनिक चिकित्सा थैरेपी में इंसुलिनपंप वाले ग्लूकोमीटर के  जरिए टाइप-वन डायबिटीज से पीड़ित बच्चे व व्यस्क भी सक्रिय जीवन पा सकते हैं।निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस, इन डिवाइसों में ग्लूकोज के स्तर और अलार्म की वजह से जब भीइंसुलिन की आवश्यकता  होती है, उस अस्थिरता को ट्रैक करने में मदद करते हैं।