अतिथि वक्ताओं ने डिजीटल मार्केटिंग के गुर
बताये और बोनसाई पेड़ की जानकारी दी
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के बीबीए विभाग ने दो दिवसीय डिजीटल मार्केटिंग पर गेस्ट लेक्चर आयोजित किये। जबकि बीएड विभाग ने बोनसाई पेड़ पर कार्यशाला का आयोजन किया। डिजिटल मार्केटिंग पर रूट्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और निदेशक मनिंदर सिंह ने व्यवसाय, नौकरी और डिजिटल मार्केटिंग को बहुत प्रभावी तरीके से परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि डिजिटल मार्केटिंग फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर संदेश डालने से कहीं बढ़कर है। उन्होंने यह भी बताया कि मैकडॉनल्ड्स किस तरह से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इस तकनीक का उपयोग करता है और हमें कुछ वास्तविक जीवन के अनुभव बताए। उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में लिंक्डइन का उपयोग कैसे करें, ताकि आप अपने प्रोफाइल को बेहतर बनाने के लिए करियर फ्लो का उपयोग करके अधिक एक्सपोजर प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि चैट, जीपीटी और पेरप्लेक्सिटी आपके अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भविष्य में कांच की दुनिया कैसी होगी, इस पर ’कॉर्निंग’ का एक वीडियो दिखाया। आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल के वित्त और लेखा विभाग की एसोसिएट डीन डॉ. भावना छाबड़ा ने निवेश बैंकिंग की गतिशील दुनिया में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। विषय के प्रति उनकी विशेषज्ञता और जुनून ने सत्र को रोचक और जानकारीपूर्ण बना दिया। अपने सत्र के दौरान, उन्होंने बैंकिंग के कई प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की, विशेष रूप से वाणिज्यिक और निवेश बैंकों के बीच अंतर पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने छात्रों को आधुनिक बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की समझ का विस्तार करके निवेश बैंकिंग के क्षेत्र में नई शब्दावली, जैसे विलय और अधिग्रहण (एमएंडए), ऋण सिंडिकेशन और कई अन्य पेश किए। इससे पूर्व मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने दोनों अतिथियों का परिचय देते हुए उन्हें स्मृति चिह्न प्रदान किया। गेस्ट लेक्चर का रंटू कुमार पॉल और रवि कुमार नरूला ने किया। उधर, बीएड विभाग ने भी बोनसाई पेड़ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। सोनिया अग्रवाल और रुचिता ने बोनसाई की विशेषताओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल और बीएड विभागध्यक्ष डॉ. गीता रानी ने अतिथियों को बुके देकर सम्मानित किया। संचालन तन्नु ने किया। वंदना ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।