मेवाड़ में धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती

महाराणा प्रताप देश के सर्वमान्य नेता-डॉ.गदिया
-विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति से जगाया देशभक्ति का जज्बा
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती समारोह में इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अन्य महापुरुषों की तरह महाराणा प्रताप भी नौजवानों के प्रेरणास्त्रोत हैं। विषम परिस्थितियों में भी अडिग खड़े रहने का हुनर महाराणा प्रताप के पास था। वह देश के ऐसे सर्वमान्य नेता रहे जिन्हें जीव-जानवर भी प्यार करते थे। महाराणा को उनकी टीम ने ही महान बनाया। डॉ. गदिया ने महाराणा प्रताप के जीवन की कहानी इस मार्मिक और जोशीले अंदाज में सुनाई कि विद्यार्थियों के जेहन से हृदय तक शब्दचित्र उतरते चले गए। हल्दीघाटी का वर्णन अद्भुत था। उन्होंने महाराणा प्रताप को साहसी, एकता की मिसाल कायम करने वाला, अपने सिपहसालारों को रिश्तेदारों से भी अधिक चाहने वाला, शौर्यवान, धैर्यशील, फुर्तीला और विपरीत परिस्थितियों में भी दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाला बताया। उन्हांने महाराणा के चेतक घोड़े और राम प्रसाद हाथी की स्वामी भक्ति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इतिहासकार और कवियों की मानें तो महाराणा प्रताप ने देश के लिए घास की रोटियां खा आदिवासियों के बीच रहकर अपने वतन के लिए संघर्ष किया। ऐसे महापुरुष विरले ही पैदा होते हैं। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अपने विचारों में महाराणा प्रताप के प्रसंग सुनाये। इससे पूर्व डॉ. गदिया एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने महाराणा प्रताप, मां सरस्वती व भारत माता की प्रतिमाओं के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के बाद पुष्प अर्पित कर अपनी भावांजलि दी। समारोह सरस्वती वंदना से शुरू हुआ। इसके बाद एकल गीत, सम्भाषण व कविताओं, स्लोगन के जरिये विद्यार्थियों ने महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा सुनाई। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों में प्राची, दामिनी, अनुराग, अर्चना, आयुषी, मणि, शीतल आदि थे। समारोह का संचालन विनय और अर्चना ने किया। इस मौके पर विभिन्न विभागों के प्रमुख, फैकल्टी स्टाफ, छात्र-छात्राएं आदि मौजूद थे।  

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