खुशाल शर्मा के गाये भजनों ने किया भाव विभोर
गाजियाबाद। प्रभाष परम्परा न्यास, प्रज्ञा संस्थान और मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने वसुंधरा स्थित इंस्टीट्शंस के मेवाड़ ऑडिटोरियम में प्रख्यात पत्रकार दिवंगत प्रभाष जोशी की चौदहवीं पुण्यतिथि पर स्मृति सभा का संयुक्त रूप से आयोजन किया। मशहूर शास्ञीय गायक मधुप मुदगल के शिष्य खुशाल शर्मा ने अपनी सुमधुर आवाज में अनेक भजन गाकर उपस्थित जनसमूह को भाव विभोर कर दिया। लगभग एक घंटे तक लोग उनके भजनों को मंत्रमुग्ध होकर सुनते रहे। स्मृति सभा में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रभाष परंपरा न्यास के प्रबंध न्यासी राम बहादुर राय, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया, निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार शम्भुनाथ शुक्ला, प्रभाष जोशी की पत्नी उषा जोशी, पुत्र संदीप जोशी समेत देश के अनेक पत्रकारों ने प्रभाष जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। स्मृति सभा में खुशाल शर्मा ने ‘रामगुण में रहिये, गोरखनाथी वाणी’, ‘कोई कहे प्रभु आवन की, आवन की मनभावन की, मीरा कहे प्रभु कबहु मिलौगे, चेरी भई तेरे भावन की’, ‘नेहरवा हमको न भावै,’ ‘मोहे सुन-सुन आवै हांसी, पानी बीच मीन प्यासी’, हां कलंदर केसवा, एक अचम्भा देखा रे भाई, निर्भय निर्गुण गुण रे गाउंगा, हम परदेसी पंछी बाबा, उड़ जाएगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला, कौन ठगवा नगरिया लूटल हो, धुन सुन के मनवा मगन हुआ जी आदि भजनों के जरिये जीवन के विविध सत्य रूपों की सस्वर व्याख्या प्रस्तुत की। स्मृति सभा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने किया।