स्वयं पर हंसने की क्षमता विकसित करें-बीके संजीव
गाजियाबाद। ‘खुद पर नफरत का बोझ डालने के बजाय खुद पर हंसने की क्षमता विकसित करें। खुद को सशक्त बनाने और खुश रहने के लिए अतीत की कड़वी भावनाओं को त्यागें।’ वसुंधरा स्थित मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कल्चरल इको क्लब की ओर से ‘असीमित सुख’ विषय पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में यह बात दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर ब्रह्माकुमारीज के प्रमुख वक्ता बीके संजीव ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बताई। अपने सम्बोधन में बीके संजीव ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बताया कि कैसे अपने जीवन को अनुशासित कर असीमित सुख प्राप्त करें। उन्होंने भारीपन से खुशी तक, पालन-पोषण की कला, तनावमुक्त जीवन, मन-प्रबंधन, संबंध-प्रबंधन, समय-प्रबंधन, मुस्कान के साथ सेवा, आत्म सशक्तिकरण, भीतर की आपदा पर नियंत्रण, ध्यान का जादू आदि के बारे में चर्चा की। उन्होंने छात्रों के लिए एक संक्षिप्त ध्यान सत्र भी आयोजित किया और सभी को सकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सभी उज्ज्वल भविष्य और मन की प्रसन्न स्थिति बनाए रखें। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ शांतिपूर्ण ध्यान-संगीत के बीच दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्पण के साथ हुआ। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल एवं अतिथियों ने माँ सरस्वती एवं माँ भारती के चित्र के समक्ष दीप जलाकर अतिथि व्याख्यान की शुरुआत की। इस दौरान डॉ. अलका अग्रवाल ने अतिथि वक्ता बीके संजीव को शॉल एवं बुके भेंटकर सम्मानित किया। डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन रंजना मिश्रा ने किया। राष्ट्रगान के साथ अतिथि व्याख्यान का विधिवत समापन हुआ।