‘केवल योग से ही तन, मन, प्राण,
इंद्रियां और मस्तिष्क होंगे एकाग्र’
गाजियाबाद। ‘तन, प्राण, इंद्रियां, मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बिना सम्बंधों की नींव मजबूत नहीं हो सकती। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इन पांच तत्वों को एकजुट होना परम आवश्यक है।’ वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में नवम इंटरनेशनल योग दिवस पर आयोजित कार्यशाला में आमंत्रित वक्ताओं ने ये विचार व्यक्त किये। ‘जीवन में योग एवं ध्यान का महत्व’ विषय पर उन्होंने कहा कि शरीर, मन और मस्तिष्क का उपचार केवल योग से ही संभव है। पांच तत्वों की एकाग्रता भी आसन, प्राणायाम और ध्यान से ही हो सकती है। इसलिए विद्यार्थी योग पर ज्यादा ध्यान दें। योग ऋषि फाउंडेशन, नोएडा के संस्थापक आचार्य आदित्य एवं मेवाड़ यूनिवर्सिटी के योगाचार्य सहायक प्रोफेसर डॉ. संजय सिंह ने कहा कि यौगिक क्रियाओं को रोजाना अपने जीवन की आदतों में शुमार करने से ही जीवन में एकाग्रता आएगी। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि हम अपने आपसे जुड़ना सीखें तभी दूसरे के साथ जुड़ पाएंगे। अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने से ही जीवन के असली मकसद को हम पा सकते हैं। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया एवं निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने दोनों अतिथि वक्ताओं को इंस्टीट्यूशंस की ओर से अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। संचालन जयवीर सिंह ने किया। इसके बाद आमंत्रित अतिथियों ने शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों को सूक्ष्म योगासन और ध्यान कराया।