अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर इकाई की काव्य गोष्ठी आयोजित
नेपाल से आईं सुप्रसिद्ध कवयित्री पूजा बहार हुईं सम्मानित
******************************
‘प्यार आगे कब बढ़ा तकरार से रहकर अलग’
******************************
गाजियाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर इकाई, गाज़ियाबाद ने नेपाल से पधारी सुप्रसिद्ध कवयित्री पूजा बहार के सम्मान में भव्य काव्य संध्या का आयोजन घूकना स्थित आरडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल में किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। सरस्वती वंदना कवयित्री तूलिका सेठ ने प्रस्तुत की। कवयित्री सीमा सागर शर्मा ने ‘ये आखें राज दिल का क्या कहूँ सब खोल देती हैं’ आदि मुक्तक पढ़कर श्रोताओं की तालियां बटोरीं। संस्था के सचिव कवि अजीत श्रीवास्तव ने ‘चाह लूँ  फिर क्या  बात है, आ रही  हर शह पर मात है’ गज़ल कहकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। कवि कमलेश संजीदा ने मजदूर के अंतर्द्वद्व पर आधारित अपनी रचना ‘मजदूर’ से सभी के मन को छुआ। कवि गोपाल गुंजन ने रेल यात्रा के दौरान एक युवती द्वारा बोगी में गीत गाकर भीख मांगने के प्रसंग को अपनी कविता में बड़ी ही खूबसूरती से पेश किया। भोजपुरी के जाने-माने कवि  जे पी द्विवेदी ने अपने ही अंदाज में  ‘गउंआ आजूओ जस के तस बा’ रचना द्वारा गांव और भोले-भाले ग्रामीणों के जीवन को बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रित किया और सभी की तालियां बटोरीं। कवि अजय वियोगी ने ‘मैं तुम्हारा मौन साधक हूँ, मै तुम्हें पाकर रहूँगा’ गीत के माध्यम से सभी को प्रेमरस से जोड़ा। कवि बीएल बत्रा ने ‘अब तुम ही बताओ अब इन हालात में कैसे रहूँ मैं’ रचना से एक प्रेमी के दर्द को श्रोताओं के बीच रखा, जिसे सभी ने खूब सराहा। कवयित्री गरिमा आर्य ने राधा-कृष्ण के प्रेम की बात करते हुए अपनी रचना ‘राधा मुझको कर जाओ ना’ द्वारा प्रेम के कई पहलुओं को श्रोताओं के समक्ष रखा। वरिष्ठ कवयित्री तूलिका सेठ अपनी बेहद चर्चित ग़ज़ल ‘मुलाकातों में बातें तो बड़ी मैच्योर करता है’ पढ़कर सभी श्रोताओं का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नेपाल से पधारीं कवयित्री पूजा बहार ने ‘कभी आंसू बनकर आँखों को भर जाऊँगी’ गीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अनेक रचनाओं के माध्यम से नारी शक्ति के उत्साह का खूब अच्छा वर्णन किया। इस अवसर पर उन्हें शॉल, स्मृति चिह्न, उपहार आदि भेंटकर सम्मनित किया गया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मेरठ प्रांत के महासचिव और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर चेतन आनंद ने अपने चिर-परिचित अंदाज में ‘प्यार आगे कब बढ़ा तकरार से रहकर अलग’ ग़ज़ल के जरिये सभी का दिल जीत लिया। उनकी अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस पर आधारित एक अन्य रचना ‘पिताजी’ ने श्रोताओं के दिलों को छुआ ही नहीं, सभी की आँखों को नम भी कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव ने ‘तोहरा से राजी ना हो बलमवा’ भोजपुरी गीत से प्रेम के विभिन्न आयामों को दर्शाया। अपने सम्बोधन में उन्होंने सभी की कविताओं की प्रशंसा की और समाजोन्मुखी कविताएं लिखने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारीं समाजसेविका सुषमा श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में सभी कवियों की प्रस्तुति की सराहना की। सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के संयोजक और कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे विचारक सत्येंद्र यादव ने भी कीर्तिशेष कवि शिव मंगल सिंह सुमन की रचनाएं सुनाकर अपनी बात को सबके सामने रखा। कार्यक्रम का सफल संचालन कवयित्री गरिमा आर्य ने किया। अंत मे कार्यक्रम अध्यक्ष व संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने सभी का आभार प्रकट किया।
News Reporter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *