मेवाड़ में ‘शिक्षा में उभरती प्रौद्योगिकी के एकीकरण’ पर सेमिनार आयोजित

25 शोधपत्रों में विद्यार्थियों ने सरकार को दिये अनेक सुझाव
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में शिक्षण और सीखने के अनुभवों को बढ़ाने में उभरती प्रौद्योगिकी की क्षमताओं पर प्रकाश डाला गया। सेमिनार में शिक्षा में उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण से सम्बंधित शोधपत्र भी 25 विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किये। जबकि बीसीए विभाग प्रभारी शमशाद अली एवं एलुमिनाई संजीव कुमार ने विद्यार्थियों को इस विषय की बारीकियों से अवगत कराया। सेमिनार की शुरुआत मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल, शमशाद अली एवं संजीव कुमार ने दीप प्रज्ज्वलन से की। इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। शिक्षा विभाग की प्रभारी डॉ. गीता रानी ने उद्घाटन भाषण में उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के महत्व को समझाया तो डॉ. अलका अग्रवाल ने विद्यार्थियों को शिक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया। सेमिनार में मुख्य वक्ता शमशाद अली एवं संजीव कुमार ने शिक्षण की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी। सेमिनार में जो शोधपत्र पढ़े गये उनमें अनेक सुझाव सरकार को भेजने के लिए प्रस्तुत किये गये। ये सुझाव हैं-कम संसाधनों वाले स्कूलों एवं समुदायों में तकनीकी बुनियादी ढांचे और शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच में निवेश किया जाए, शिक्षकों एवं प्रशासकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले व्यावसायिक विकास के अवसरों को प्राथमिकता दी जाए, नई तकनीकों की मूल्यांकन और अनुकूलन, उचित पहुंच और समान परिणाम सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया जाए, शैक्षिक संस्थानों को आवश्यक तकनीकी बुनियादी ढांचे से लैस होना चाहिए ताकि तकनीकों को कक्षा में पूर्ण रूप से एकीकृत किया जा सके आदि। अंत में शोधपत्र प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।

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