नोएडा। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठयक्रम और वैज्ञानिकों सहित शोधार्थियों द्वारा किये जा रहे शोध की जानकारी प्राप्त करने के लिए रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी ग्लोबल एजुकेशन एंड रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार चौहान, एमिटी डायेक्टोरेट ऑफ डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन के चेयरमैन अजीत चौहान, रितनंद बलवेद एजुकेशन फाउंडेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अभय चौहान, एक्जीक्यूटिव
डायरेक्टर अमोल चौहान और एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. डब्लू सेल्वामूर्ति ने डॉ. रेड्डी का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. जी. सतीश रेड्डी और डॉ. अशोक कुमार चौहान द्वारा एमिटी न्यूक्लियर सिक्योरिटी एजुकेशन, ट्रेनिंगएंड रिसर्च फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया। छात्रों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि आज भारत विश्व में सबसे तेजी से विकास कर रहा है जिसमें एमिटी जैसे शिक्षण संस्थानों की भूमिका अहम है जो शोध व नवाचारों का उद्गम बना है वही वैश्विक कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने के साथ छात्रों को अपना उद्योग व स्टार्टअप प्रारंभ करने के लिए प्रेरित भी कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में शोध सहित अकादमिक क्षमता जिसमें गुणवत्ता और परिमाण दोनों बढ़ा है। डॉ. रेड्डी ने कहा कि संस्थानों के साथ स्टार्टअप और नये उद्योगों की संख्या में वृहद विकास हुआ है। रक्षा क्षेत्रों के साथ अन्य कई क्षेत्रों में देश में भारतीय उत्पादों को विकसित किया गया और आज युवाओं कोे वैश्विक बाजार में अपने उत्पादों की पैठ बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रंीय शिक्षा नीति 2020 से विद्यालय
और विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को बहुविषयक शोध, कौशल विकास, नवाचार आदि विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कोरोनाकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह देश में पीपीई किट, औषधियों और वेंटीलेटर को अकादमियों, उद्योगों, सरकारी संस्थानों और डीआरडीओ के सहयोग से विकसित किया गया। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास और रिक्त स्थानों को भरने में अकादमिक संस्थानों की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर छात्रों से बातचीत करते हुए डॉ. रेड्डी ने कहा कि ईमानदारी, कड़ी मेहनत और ध्यान केन्द्रित करके किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है, लगातार बढ़ते कदम नई उपलब्धियों की ओर ले जाते हैं। हाल के वर्षों में रक्षा में वैज्ञानिक अनुसंधान का अत्यधिक विकास हुआ है और बहुत सारी रक्षा प्रौद्योगिकियां विकसित हुई हैं। डीआरडीओ लगातार राष्ट्र के लिए कार्य कर रहा है। एमिटी ग्लोबल एजुकेशन एंड रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार चौहान ने कहा कि डॉ. रेड्डी के विचारों और जानकारियों ने हमारे शोधार्थियों, वैज्ञानिकों, छात्रों को प्रभावित किया है और उनके अदंर एक नये उत्साह का संचार किया है। विश्व में भारतीय मस्तिष्क का कोई मुकाबला नही है। आज भारत अर्थव्यवस्था, रक्षा, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और एमिटी अपने युवाओं के जरिये विकास के मिशन में शत-प्रतिशत सहयोग दे रहा है। एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने एमिटी शोध व नवाचार पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि एमिटी युवाओं को शिक्षा प्रदान करके और शोध व नवाचार के लिए प्रेरित करते हुए आत्मनिर्भर भारत में सहयोगी बना रहा है। विश्व में परिवर्तन लाने में एमिटी के युवाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। एमिटी और डीआरडीओ के रिश्ते और व्यापक बनाने के लिए कई शांध क्षेत्रों में कार्य चल रहा है। इस अवसर पर रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. रेड्डी ने छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और एमिटी विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ. बलविंदर शुक्ला, एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह सहित एमिटी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके जैन, डॉ. ए. चक्रवर्ती, डॉ. नीरज शर्मा, डॉ. एके सिंह आदि उपस्थित थे।