अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि कृष्ण मित्र की ओज वाणी हुई मौन
साहित्यकारों ने निधन पर जताया शोक 
उनकी लेखनी साहित्य ही नहीं राष्ट्रीय धरोहर के रूप में रखती है अपनी एक अलग पहचान : यात्री 
          
  गाजियाबाद। अपनी ओजपूर्ण कविताओं से गाजियाबाद का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने वाले विश्व विख्यात कवि कृष्ण मित्र ने महानगर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। जनकवि के निधन पर महानगर में अफ़सोस की लहर फैल गई। उनके निधन पर तमाम बुद्धिजीवियों, साहित्यिकारों एवं पत्रकारों ने शोक जताया है। कथाकार से. रा. यात्री ने कहा कि श्री मित्र के निधन के साथ ही उनकी मित्रता के सात दशक पुराने रिश्ते का टूटना बेहद दुखदाई है। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को तीन बजे हिंडन घाट पर किया जाएगा।
  गौरतलब है कि ओज की कविता के लिए प्रसिद्ध कवि कृष्ण मित्र का नाम दुनियाभर के हिदी भाषी कवियों में प्रमुखता से लिया जाता है। लाल किले पर काव्यपाठ कर चुके कृष्ण मित्र ने दुनिया के कई देशों के कवि सम्मेलनों में शहर का नाम रोशन किया है। उन्होंने  गाजियाबाद को साहित्यिक क्षेत्र में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री यात्री ने कहा कि अध्यापक के तौर पर गाजियाबाद में नौकरी शुरू करने के शुरूआती दौर में गाजियाबाद के जिन साहित्यकारों से संपर्क हुआ उनमें कृष्ण मित्र सर्वोपरि थे। अपने लंबे संपर्क को याद करते हुए श्री यात्री ने कहा कि कृष्ण मित्र भारत-पाक विभाजन के बाद 1946 में गाजियाबाद आए थे। वह इस शहर के तमाम उतार-चढ़ाव और उपलब्धियों के साक्षी रहे। 
  श्री यात्री के अनुसार 60 के उस दौर में कस्बे नुमा इस शहर में गिनती के ही साहित्यकार हुआ करते थे। कोई साहित्यिक केंद्र नाश होने की वजह से कंपनी बाग या टाउन हॉल में ही साहित्यिक आयोजन होते थे। उस समय रामेश्वर उपाध्याय, अमरनाथ सरस, गोपाल कृष्ण कौल, हरप्रसाद शास्त्री जैसे साहित्यकारों ही शहर की साहित्यिक गरिमा बढ़ाते थे। श्री यात्री ने रहस्योद्घाटन किया कि मुझे यात्री उपनाम जहां उपेंद्रनाथ अश्क ने दिय वहीं कृष्ण लाल जी को मित्र उपनाम अटल बिहारी वाजपेई जी ने दिया था। श्री यात्री का कहना है कि मित्र जी की राष्ट्रीय चेतना अदभुत थी। बाबरी मस्जिद प्रकरण, विमान अपहरण, पोखरण परीक्षण और कारगिल युद्ध जैसे मौके पर चली उनकी लेखनी साहित्य ही नहीं राष्ट्रीय धरोहर के रूप में अपनी एक अलग पहचान रखती है।
  कवि गोविंद गुलशन, रमा सिंह, आलोक यात्री, सुभाष चंदर, दीक्षित दनकौरी, अनिमेष शर्मा, चेतन आनंद, दीपाली जैन, पराग कौशिक, संजीव शर्मा, वागीश शर्मा, अक्षयवरनाथ श्रीवास्तव, रिंकल शर्मा, मनु लक्ष्मी मिश्रा, शकील अहमद, सुरेंद्र सिंघल, योगेन्द्र दत्त शर्मा, विपिन जैन, सरवर हसन सरवर, जकी तारिक, सुशील शर्मा, डॉ. तारा गुप्ता, डॉ. वीना मित्तल, तरूणा मिश्रा, नरसिंह अरोड़ा आदि ने भी उनके निधन पर शोक संवेदना जताई है।
News Reporter

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