मेवाड़ की ‘आजादी के योद्धा’ विषय पर वर्चुअल विचार संगोष्ठी आयोजित
गाजियाबाद। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि स्वतन्त्रता-संग्राम का इतिहास विगत वर्षों में जिस तरह इस देश में तोड़ा-मरोड़ा गया, झुठलाया गया, भुलाया गया, जिस तरह अपने प्राणों की बाज़ी लगाने वाले तथा देश-देवता के चरणों पर अपना जीवन-सर्वस्व होम कर देने वाले क्रान्तिकारी देशभक्तों को यहाँ ठुकराया गया, तिरस्कृत एवं उपेक्षित रखा गया, ऐसा दुनिया में कहीं भी नहीं हुआ। प्रभाष परम्परा न्यास एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से ‘आज़ादी के योद्धा’ विषय पर आयोजित वर्चुअल विचार संगोष्ठी में ये विचार बतौर मुख्य वक्ता डॉ. गदिया ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों के कुछ स्वप्न भी थे, वे पूरे करने हैं, जीवित क्रान्तिकारियों और शहीदों के प्रति देश की यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। देश की युवा पीढ़ी को हमने कैसे तैयार करना है। डरपोक, भीरू, कायर, खुदगर्ज, घोर मतलबी, चापलूस, उद्दण्ड, नशाखोर, कामचोर, अवसरवादी या देशभक्त, संस्कारी, ईमानदार, आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी, मेहनती, कार्यकुशलता युक्त, आत्मविश्वासी यदि हमें ऐसा नवयुवक चाहिये तो हमें उनको पढ़ाना होगा, हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता, हमारे धर्मग्रन्थ, हमारे महापुरुष, हमारे स्वतंत्रता सेनानी और उनको कण्ठस्थ करनी होगी, उनके अदम्य साहस एवं बलिदानों की कहानियाँ, जिससे उनके मन में यह भाव स्वाभाविक रूप से पैदा हो और उन्हें एहसास हो कि हमारी रगों में उन महापुरुषों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का रक्त बह रहा है, हम उनकी संतान हैं। यह भाव आते ही उनके मन में ज़िम्मेदारी, देशभक्ति एवं सामाजिक विषयांे पर संवेदनशीलता का भाव स्वतः ही आने लगेगा, ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है।
उन्होंने कहा कि आज की शिक्षण संस्थाओं को इस पर काम करना होगा। आज के युवाओं को भयमुक्त कैसे बनाया जाए जो कि वक्त आने पर अपने देश या समाज के लिये हथियार उठाने से भी नहीं डरें और यदि देश पर बलिदान होने की आवश्यकता हो तो उसके लिये भी बिना कुछ सोचे तत्पर हों, वह सजग बनें, समझदार बनें, असामाजिक एवं गंदी राजनैतिक षड्यन्त्रों के शिकार न बनें। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय, अच्युतानंद मिश्र,, मेवाड़ इंस्टीट्यूट और मेवाड़ विश्वविद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत तमाम स्टाफ मौजूद रहा। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कुशल संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने किया।