अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर इकाई, ग़ाज़ियाबाद का महादेवी सम्मान समारोह और कवयित्री सम्मेलन आयोजित
अनेक हस्तियाँ शामिल हुईं, दो दर्जन से अधिक विभूतियों का हुआ सम्मान
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कानपुर की डॉ. नारायणी शुक्ला महादेवी सम्मान-2022 से सम्मानित
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ग़ाज़ियाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर इकाई गाजियाबाद के  तत्वाधान में शम्भु दयाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महादेवी सम्मान समारोह एवं कवयित्री सम्मेलन का आयोजन कियाI कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआI कार्यक्रम के दौरान कानपुर से आईं डॉक्टर नारायणी शुक्ला जी को महादेवी सम्मान से नवाज़ा गयाI नारायणी जी ने अपने कविता पाठ में कई मधुर गीत पढ़े, जिनमें ‘चर्चा न होगी रूप का शृंगार न होगा, नारी न होगी तो  यह संसार न होगा’ व ‘जब से रंगी प्रेम के रंग में माय कोई रंग चढ़े ना, महक उठा सिंदूर मांग का खनके है कंगना’ गीतों पर श्रोताओं ने दिल खोलकर तालियां बजायींI नारायणी जी ने एक अन्य गीत ‘सजनवा चलो गांव की ओर, कूक रही जहाँ कोयलिया नाच रहे हैं मोर’ के माध्यम से गांव का मनमोहक चित्र खींचा, वहीं शहर में व्याप्त छल-कपट भरी जिंदगी को दर्शायाI प्रसिद्ध कवयित्री उर्वशी उर्वी ने शबरी की प्रभु राम के प्रति अनन्य भक्ति पर दोहे पढ़कर माहौल भक्तिपूर्ण कर दियाI डॉक्टर स्मृति शर्मा ने ‘फूल पथ चलना सरल है, शूल पर बढ़ना कठिन’ गीत के माध्यम से खूब समां बांधा। ममता लड़ीवाल ने ‘चोरी-चोरी तुमको देखा और छिप जाया करती थी’ प्रेम गीत से उपस्थित युवा श्रोताओं की खूब प्रशंसा पाईI डॉ. ज्योति उपाध्याय ने अपने चिर परिचित अंदाज में माहिये प्रस्तुत किए, जिसमें ‘जिद छोड़ो मान भी जाओ, आओ प्रीतम प्यार करें—‘ को श्रोताओं का विशेष प्यार मिलाI डॉ. पूनम सिंह ने ‘लौटना’ शीर्षक से कविता पेश की, जिसने सभी को भावुक कर दियाI मीनाक्षी शर्मा मुसाफ़िर ने ‘आज तुम फिर याद आये’ गीत की सुंदर प्रस्तुति कीI सीमा सागर शर्मा ने ‘यह आंखें राज सब दिल का खोल देती हैं’ मुक्तक प्रस्तुत कियाI कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं मशहूर कवयित्री डॉक्टर रमा सिंह ने ‘धूप में चलते-चलते पड़े पाँव में अनगिन छाले’ गीत की शानदार प्रस्तुति से श्रोताओं का दिल जीत लियाI श्रीमती मंजू मन, श्रीमती अलका शर्मा व डाक्टर मधु श्रीवास्तव ने अपने-अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दियाI कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. पी. कुमार ने अपने संबोधन में शब्दों के चयन से किस तरह सामने वाले के दिल में अपना स्थान बनाया जा सकता है, इस बात को रखा। कार्यक्रम का सफल संचालन विख्यात रेडियो जॉकी और सुप्रसिद्ध कवयित्री नीरजा चतुर्वेदी ने कियाI डॉक्टर राज नारायण शुक्ला अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राजभाषा संस्थान का विशेष सान्निध्य मिलाI कार्यक्रम में शम्भु दयाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अखिलेश मिश्र, प्रसिद्ध उपन्यासकार रवीन्द्र कांत त्यागी, जाने-माने कवि देवेन्द्र देव मिर्जापुरी, मोटिवेशनल गुरु एमके सेठ, सीए रवि कुमार, राधेश्याम मधुकर, डॉ. गीता पांडेय आदि विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेI इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मेरठ प्रांत के महासचिव डॉक्टर चेतन आनंद और गाज़ियाबाद महानगर इकाई के सचिव अजीत श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं से आज की युवा पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए प्रयासरत हैI संस्था हिंदी भाषा और साहित्य के उत्थान के लिए निरंतर ऐसे आयोजन करती रहेगीI
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