ग़ज़ल
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अपने घर में खुशियों को मेहमान बनाये रखना तुम,
लाख मिलें ग़म होंठों पर मुस्कान सजाये रखना तुम।
हँसते ही रहना आँखों में जब तक एक भी आँसू है,
यह कोशिश पूरी करने में जान लगाये रखना तुम।
ये दुनिया तो झूठ भरे अँधियारे ही बस फेंकेगी,
लेकिन अपने दिल में सच की ज्योति जलाये रखना तुम।
उसके, उसके, उसके दिल में चाहे जितनी नफ़रत हो,
लेकिन सबकी ख़ातिर दिल में प्यार जगाये रखना तुम।
पास तुम्हारे केवल झूठे रिश्तों के व्यापारी हैं,
इनसे अपने स्वाभिमान को आज बचाये रखना तुम।
-चेतन आनंद