मेवाड़ इंस्टीट्यूट और अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट का संयुक्त आयोजन
गाजियाबाद। मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट ने चंद्रपुरी स्थित एमबी गर्ल्स कॉलेज में संयुक्त रूप से एड्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। छात्राओं एवं उनके अभिभावकों के लिए विशेष रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में यशोदा अस्पताल कौशाम्बी की फिजियोथैरेपिस्ट-काउंसलर डॉ. रागिनी सिंह ने एड्स फैलने के कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। जबकि अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अलका अग्रवाल ने एड्स से बचाव के तरीके छात्राओं को बताये। डॉ. रागिनी सिंह ने बताया कि एड्स रोग एच. आई. वी. संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्पर्क से, एच. आई. वी. संक्रमित सिरिंज व सुई का दूसरों के द्वारा प्रयोग करने से, एच. आई. वी. संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय या प्रसव के शीघ्र बाद फैलता है। उन्होंने बताया कि एक बार एच. आई. वी. विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ जीवनभर का संक्रमण एवं दर्दनाक मौत है। डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि जीवनसाथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध न रखें, मादक औषधियों के आदी व्यक्ति द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सुई का प्रयोग न करें, एड्स पीडित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को यह रोग लग सकता है। उन्होंने बताया कि रक्त की आवश्यकता होने पर अनजान व्यक्ति का रक्त न लें और सुरक्षित रक्त के लिए एच.आई.वी. जांच किया रक्त ही ग्रहण करें। डिस्पोजेबल सिरिन्ज एवं सुई तथा अन्य चिकित्सीय उपकरणों को 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणुरहित करके ही उपयोग में लें। एड्स लाइलाज है, जिसका बचाव ही उपचार है। डॉ. रागिनी और डॉ. अलका अग्रवान ने छात्राओं के अलावा उनके अभिभावकों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दिये। इससे पूर्व डॉ. अलका अग्रवाल ने डॉ. रागिनी को शॉल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में एमबी गर्ल्स कॉलेज की प्रधानाचार्या हेमलता राजपूत, मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बायो विभाग की प्रभारी डॉ. नीतू सिंह, सहायक निदेशक डॉ. चेतन आनंद आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सफल संचालन डॉ. सोमना मिश्रा ने किया।