केवल योग से ही तन, मन, प्राण, इंद्रियां
और मस्तिष्क होंगे एकाग्र-नीरज योगी
गाजियाबाद। योग भारती ट्रस्ट ऋषिकेश के अध्यक्ष आचार्य नीरज योगी ने कहा कि तन, प्राण, इंद्रियां, मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बिना सम्बंधों की नींव मजबूत नहीं हो सकती। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इन पांच तत्वों को एकजुट होना परम आवश्यक है। वसुंधरा स्थित मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के विवेकानंद सभागार में इंटरनेशनल योग दिवस पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने ये विचार व्यक्त किये। ‘जीवन में योग एवं ध्यान का महत्व’ विषय पर उन्होंने कहा कि शरीर, मन और मस्तिष्क का उपचार केवल योग से ही संभव है। पांच तत्वों की एकाग्रता भी आसन, प्राणायाम और ध्यान से ही हो सकती है। इसलिए विद्यार्थी योग पर ज्यादा ध्यान दें। आज केवल आईक्यू का ही नहीं ईक्यू और एसक्यू का भी जमाना है। आप कितने इंटेलीजेंट हैं केवल इससे अब काम नहीं चलने वाला। विद्यार्थियों को बड़ी परीक्षाओं में पास होने के लिए अपना इमोशनल लेवल और स्प्रिच्युअल लेवल भी बढ़ाना होगा और यह सब योग से ही संभव है। योगाचार्या डॉ. सरोज सिरोही ने कहा कि यौगिक क्रियाओं को रोजाना अपने जीवन की आदतों में शुमार करने से ही जीवन में एकाग्रता आएगा। इंस्टीट्यूट की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि हम अपने आप से जुड़ना सीखें तभी दूसरे के साथ जुड़ पाएंगे। अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने से ही जीवन के असली मकसद को हम पा सकते हैं। डॉ. अलका अग्रवाल ने दोनों अतिथि वक्ताओं को इंस्टीट्यूट की ओर से शॉल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। संचालन अमित पाराशर ने किया। इसके बाद योग शिक्षक प्रवीण कुमार तेवतिया ने विद्यार्थियों को योगासन कराये।