वर्तमान को जियो और आनंदित रहो-सेठ
गाजियाबाद। दूरसंचार विभाग के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक एवं मोटीवेशनल गुरु एमके सेठ ने विद्यार्थियों को कहा कि वे वर्तमान को जियें और हर क्षण आनंदित रहें। और यह तभी संभव है जब आप अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर पाएंगे। ‘मोटीवेशन यानी प्रेरणा’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए उन्होंने वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ‘आस्क’ को सदा ध्यान में रखें। आस्क के ‘ए’ का मतलब एटीट्यूड, ‘एस’ का मतलब स्किल्स और ‘क’े का मतलब होता है नॉलेज। आपके जीवन में इन तीनों का समावेश होना जरूरी है। अगर एक की कमी भी रह गई या तालमेल न बैठा तो जीवन का लक्ष्य पाना असंभव हो जाएगा। श्री सेठ ने कहा कि प्रबंधन का पहला सबक होता है-ऊर्जावान रहिये। तभी जीवन का आनंद उठा पाओगे। आप अपने जीवन के स्वयं सर्जक हैं। आप अपनी कहानी आप ही लिखोगे। इसका पासवर्ड आप ही के पास है। इसलिए वर्तमान को जीने वाला ही भविष्य का सर्जक बन पाता है। आपके भीतर अपने लक्ष्य को पा लेने का जुनून होना चाहिए। तप करने का जज्बा ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाएगा। इसके लिए समय का सदुपयोग करें और सीखते रहें। आनंदित होते रहें। अपने अच्छे विचारों को अच्छी आदतों में तब्दील करते रहें। सदा मुस्कुराते रहें। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अंत में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन को बोझ न समझें। किसी काम को करने में कोताही न बरतें। जीवन को ठीक से जियें और काबिल बनें। कामयाबी अपने आप आपके पांवों में होगी। डॉ. अलका अग्रवाल ने श्री सेठ को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में प्रबंधन विभाग के प्रभारी डॉ. आशुतोष मिश्रा, प्रोफेसर ज्योति शुक्ला आदि मेवाड़ सदस्य मौजूद रहे।