मेवाड़ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला में ‘नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया (एनडीएलआई) में ई.लर्निंग रिसोर्सेज की उपलब्धता’ के बारे में विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। उन्हें बताया गया कि चार साल पहले गठित की गई देश की पहली लाइब्रेरी में 60 से अधिक सीखने के संसाधन मौजूद हैं। 400 से अधिक किताबें, लेख, पांडुलिपियां, वीडियो व्याख्यान, थीसिस आदि संकलित हैं। साढ़े चार करोड़ से अधिक संसाधनों का भंडार है। जिनमें डेढ़ लाख से अधिक वॉल्यूम हैं। मेवाड़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एनडीएलआई क्लब के तत्वावधान में इसका आयोजन किया गया।
डिपार्टमेंट ऑफ साइंस तथा बायोटेक्नोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. नीतू सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका एवं एनडीएलआई की संरक्षक डॉ. अलका अग्रवाल और मुख्य वक्ता एनडीएलआई के मुख्य रणनीतिकार डॉ. विग्नेश सोरनामोहन का स्वागत किया गया। डॉ सोरनामोहन ने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया क्या है, इसे बनाने की क्यों जरूरत है, यह किस प्रकार काम करती है, इसमें क्या-क्या विषयवस्तु है, यह किस तरह से उपयोग में लायी जाती है। उन्होने बताया कि एनडीएलआई का गठन स्कूलों, प्रोफेशनल्स, शोधार्थियों, उद्यमियों व आजीवन शिक्षार्थियों को ध्यान में रखकर किया गया है। अंत में वक्ता ने प्रतिभागियों की एनडीएलआई से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दिया। कार्यक्रम के अंत में इंस्टीट्यूट इंक्यूबेशन सेंटर के समन्वयक अजय कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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