‘रोल ऑफ ट्रेडमार्क इन मार्केट इकोनोमी’ विषय
पर वक्ताओं ने विद्यार्थियों को दीं जानकारियां
गाजियाबाद। वसुन्धरा स्थित मेवाड़ लॉ इन्स्टीट्यूट में दो दिवसीय नेशनल वर्कशॉप में ‘रोल ऑफ ट्रेडमार्क इन मार्केट इकोनोमी-एन एनालिसिस एंड इमरजिंग चैलेंजेज इन स्टार्टअप्स’ विषय पर वक्ताओं ने विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। मुख्य वक्ता एडवोकेट नवीन कुमार जग्गी ने भविष्य में बनने वाले अधिवक्ताओं को उनकी शपथ व प्रार्थना याद दिलाई। उन्होंने सभी छात्रों को ट्रेडमार्क एक्ट 1999 की बारीकियां, उसकी क्षमता एवं अधिकारों के बारे में बताया। भारत सरकार के ट्रेडमार्क और ज्योग्राफिकल इन्डीकेशन में पर्यवेक्षक डॉ. सुनील कुमार ने ट्रेडमार्क एक्ट 1999 से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डाला। एडवोकेट ताहिरा काज़मी ने प्रोडक्ट मार्क, सर्विस मार्क, सर्टिफिकेशन मार्क इत्यादि को उदाहरण सहित बताया। सभी वक्ताओं ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर दिया। दूसरे दिन मुख्य वक्ता उड़ीसा हाई कोर्ट के पूर्व जज एवं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, उड़ीसा के चांसलर डॉ. आई.एम. कुद्दुसी रहे। जबकि एडवोकेट डॉ. मनी प्रताप सिंह एवं एडवोकेट वर्षा सिंह विशिष्ट अतिथि थे। एडवोकेट वर्षा सिंह ने बौद्धिक संपदा अधिकार एवं उसके चार प्रकारों को परिभाषित किया। डॉ. मनी प्रताप सिंह ने पेरिस कनवेन्शन 1883, ट्रेडमार्क के सम्बन्ध में अनुच्छेद 6 की भूमिका, बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के व्यापार सम्बंधी पहलु एवं मेड्रिड प्रोटोकॉल पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. आई.एम. कुद्दुसी ने बताया कि किसी भी एक्ट को पढ़ने से पहले उसकी प्रस्तावना को जरूर पढ़ें। उन्हांेने अलग-अलग केस लॉ एवं उदाहरण के साथ सभी को ट्रेडमार्क और उससे जुड़े पहलुओं के बारे में बताया। कार्यक्रम के अन्त में प्रश्नोत्तर प्रक्रिया को पूरा किया गया, जिसमें विद्यार्थियों के प्रश्नों का वक्ताओं ने उत्तर दिया। मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल एवं प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने सभी अतिथियों और वक्ताओं को स्मृति चिह्न आदि देकर सम्मानित किया। अन्त में वीरेन्कर्स ने एक क्विज़ आयोजित की। जिसमें बी.ए. एलएल.बी प्रथम वर्ष के छात्र सौरभश्री एवं मोहम्मद शाहदुद्दीन विजेता रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रेया अग्रवाल, अनुराधा विल्सन, अमित पाराशर और तृप्ति भाटी ने किया।