अच्छी आर्थिक नीतियां ही देश को बनाएंगीं विश्वगुरु-महाजन

‘देश का आर्थिक विकास’ विषय पर विचार संगोष्ठी आयोजित
आर्थिक नीतियों को बदलने के लिए लेने होंगे सख्त फैसले-डॉ. गदिया
गाजियाबाद। स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक और सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री अश्विनी महाजन ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर भारत सरकार ऐसी मजबूत आर्थिक नीतियां बनाए, जिससे नौजवान अधिक से अधिक आत्मनिर्भरता का मार्ग अपनाएं और हम फिर से विश्वगुरु कहलाएं। प्रभाष परम्परा न्यास और मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा ‘देश का आर्थिक विकास’ विषय पर आयोजित वर्चुअल विचार संगोष्ठी में उन्होंने यह सुझाव दिया। वह संगोष्ठी के मुख्य वक्ता थे।
उन्होंने आजादी के बाद की आर्थिक नीतियों पर चर्चा करते हुए इन्हें देश पर थोपी हुई विदेशी नीतियां करार दिया और देश के विकास में बाधक बताया। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में हम अन्य देशों से कहीं आगे थे। दवा, साफ्टवेयर, जेवरात, बुद्धि कौशल, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वैज्ञानिक आदि के मुकाबले हमारे पास शक्तियां सबसे ज्यादा थीं, और हैं। लेकिन आज श्रीलंका और वेनुजुएला देशों के हालात देखकर लगता है कि वही नीतियां हमने भी पूर्व में अपनाई थीं, इसलिए इन नीतियों को तत्काल बदलना होगा। उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार इन नीतियों को आमूल-चूल बदलने के लिए प्रयासरत है, यह खुशी की बात है। इससे रोजगार ज्यादा सृजित होंगे।
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि देश को आर्थिक विकास के सही रास्ते पर लाने के लिए हमें पूर्व में बनीं आर्थिक नीतियों को पूरी तरह से बदलना होगा। अपने इकॉनीमिक मॉडल को दुरुस्त करना होगा। गांधी जी के सुराज के मॉडल को हम अपनाते तो आज देश का नक्शा कुछ और होता, लेकिन नेहरू जी की बनाई आर्थिक नीतियों ने देश में अमीरी-गरीबी की खाई को बढ़ावा देने का काम किया है। इससे हम आत्मनिर्भर नहीं बन पाये। आज रोजगार, सर्विस, प्राइवेट सेक्टर, कृषि आदि क्षेत्रों में हमें सख्त फैसले लेने होंगे। हमें बचत की आदतों को मजबूती देनी होगी। तभी कोई अर्थ व्यवस्था अच्छी कहला सकती है।
विचार संगोष्ठी के अंत में मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर मेवाड़ परिवार और प्रभाष परम्परा न्यास के तमाम सदस्य उपस्थित रहे।

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