‘नकल के दौर में कॉपी राइट से बचें वरना होगी जेल’
मेवाड़ में बौद्धिक संपदा अधिकार पर सेमिनार आयोजित
गाजियाबाद। ‘‘आपकी कोई वस्तु, संपदा, गीत या कविता आदि का दुरुपयोग न हो, इसलिए इसे पेटेंट कराना या कॉपी राइट कराना जरूरी है। नकल के इस दौर में अगर कोई कॉपी राइट का उल्लंघन करता है तो उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी। जुर्माना अलग से भुगतना होगा।’’ वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत पेटेंट डिजाइन और ट्रेडमार्क नियंत्रक के सहयोग से एक सेमिनार में यह जानकारी वक्ताओं ने लोगों को दी। सेमिनार का विषय ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ था।
सेमिनार में ट्रेडमार्क एवं ज्योग्राफिकल इंडिकेशन के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अमित कुमार, अभिषेक पांडेय, पेटेंट डिजाइन विभाग की पर्यवेक्षक डॉ. लक्ष्मी मीणा, डॉ. सुनील कचौरिया, डॉ. विनीता स्याल आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने ट्रेडडमार्क, कॉपी राइट, डिजाइन, पेटेंट और ज्योग्राफिकल इंडिकेशन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। सेमिनार की शुरुआत मां शारदा की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर व शारदा वंदना से हुई। मेवाड़ की ओर से सभी अतिथि वक्ताओं को पौधे देकर सम्मानित किया गया। अतिथि वक्ताओं ने सभी लोगों एवं विद्यार्थियों के प्रश्नों के समुचित उत्तर दिये। अंत में मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल और मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। संचालन अमित पाराशर ने किया। सेमिनार का संयोजन कॉमर्स विभाग की ओर से किया गया।
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