समाज में कला एवं कलाकार की भूमिका हमेशा से ही प्रमुख रही है और प्रमुख भूमिका कलाकृतियों को लोगों के सामने लाने वाली अकादमी, सोसाइटियों की भी रही है जो समाज के सामने कलाकार एवं उनके कलाकृतियों को लाकर एक पुल का कार्य करते हैं, माध्यम की भूमिका निभाते हैं। कलाकार के पास इतनी फुर्सत कहां कि वो अपने कृतियों को दर्शकों तक पहुंचाते फिरे बल्कि वो तो संन्यासियों की भांति अपने तपोस्थली में ही रमा रहता है पर हमेशा से ऐसी कई अकादमियां एवं सोसाइटियां रहीं हैं और खुशी की बात है कि आज भी हैं । आर्ट एंड क्राफ्ट एक ऐसी ही सोसाइटी है जो हमेशा ही सक्रिय रहती है, बढ़-चढ़ कर कला से संबंधित गतिविधियां भी करवाती है और एक से बढ़कर एक कलाकार एवं कलाकृतियों को लोगों तक पहुंचाने के प्रयास में भी है। २६ जनवरी से आर्ट एंड क्राफ्ट के तरफ से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना है जिसमें युवा कलाकार नवल किशोर की कृतियों को भी शामिल हैं। नवल किशोर जो कला में हमेशा से ही सकारात्मकता पर बात करते हैं, जिनके कृतियों में नकारात्मकता को जगह नहीं है, जहां पवित्र प्रेम का अंकन है, जहां चटख रंग है, कल्पनाओं का अथाह सागर है, नायक है, नायिका है, दर्शकों को भाव-विभोर कर देने वाले हर वो तत्व हैं जिस पर एक कलाकार अनायास ही खुश हो सकता है। पवित्र प्रेम के साथ प्रकृति प्रेम भी आपके प्रिय विषय रहें हैं हालांकि आपदाओं को देखकर मन खीझ जाता है, विचलित हो जाता है और ऐसा लगता है कि हम जो पेड़-पौधों के दुनिया से बोनसाई की तरफ को बढ़ रहें हैं, कमी यहां से भी है अतः आप अपने कृतियों के माध्यम से ऐसे ही विशेष विषयों को लेकर आते हैं पर सकारात्मकता के साथ। अधिकतर कलाकार समाज को अपने कृतियों में उकेरते हैं जिसमें अच्छा बुरा दोनों पक्ष होता है पर कलाकार जब सिर्फ और सिर्फ निराशाजनक पक्ष को ही उकेरता है समस्या वहां से पनप जाती है। मिलक, रामपुर में जन्मे कलाकार नवल किशोर के कला की शिक्षा लखनऊ से हुई है, गढ़ी से भी आपका गहरा नाता रहा है। आप कृति निर्माण के समय साधनारत हो जाते हैं, जिस समय आप सृजनरत रहते हैं एक अलग ही सफ़र पर होते हैं जहां कलाकार और सृजन के बीच कोई तीसरा नहीं होता, जहां सिर्फ और सिर्फ गहरा सन्नाटा होता है जिसके सहारे आपकी कृतियां अपना सफर आसानी से तय कर पाती हैं जो निर्मिति के बाद अपने साथ कारवां लिए चलती हैं, जहां ओर और छोर नहीं होता उसके अथाह गहराई युक्त भाव के। कलाकार नवल किशोर समाज के प्रति एक सक्रिय एवं जिम्मेदार व्यक्ति भी हैं क्योंकि आपकी कृतियां, आपके रंग लोगों में ताजगी भर देते हैं समाज को जागने पर विवश कर देते हैं। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपकी पहचान जग जाहिर है आपके चित्र बहुत दूर तक पहुंच चुके हैं। आपकी कृतियां दर्शकों के मन तक उतर जाती हैं, दर्शक कृतियों के भावों के साथ बहे बिना नहीं रह पाता फिर चाहे वो पवित्र प्रेम श्रृंखला हो, प्रकृति श्रृंखला हो, नायिका श्रृंखला, विवेकानंद श्रृंखला हो, वीर सावरकर श्रृंखला हो, गंगा-वाटर, कोविड-19 जैसी श्रृंखला हो। चमकीले रंगों से अपनी बात कहने वाले कलाकार नवल किशोर हमेशा ही निराशाजनक भावों से बाहर आने को प्रेरित करते हैं। आपकी कई कृतियां दर्शक को भावुक भी कर देती हैं जहां मनुष्य की ढीठता साफ दिखाई देती है। प्रकृति पर हावी होता मानव कभी-कभी आपको बहुत निराश करता है, सौंदर्यता, स्वच्छता पर ग्रहण लगता देख आपका मन व्यथित हो जाता है, निराशाजनक अवस्था से गुजरना पड़ता है आपको लेकिन वो निराशापन कृतियों में न दिखे फलत: आपके कृतियों में पशु, पक्षी, तितलियां शोर करते तमाम वो चीज जो प्रकृति की शोभा है, दिखाई पड़ जाती है। प्रकृति की कमी आप कृतियों में पूरा करना जानते हैं। नदियां पूछ रही है हमसे राह हमारी कहां गयी? जैसे प्रश्नों के उत्तर आपके कृतियों में हैं, आपके कृतियों में तितलियां हमसे सवाल करती हैं, जुगनू अपने अस्तित्व के बाबत उलझ पड़ने में सक्षम हैं, कृति में मौजूद कोई भी पात्र कभी भी, किसी भी परिस्थिति में उछलकर सवाल पूछ लेने में सक्षम है। कृतियों एवं जीवन दोनों में संयोजन पर महत्व देने वाले कलाकार नवल किशोर का कहना है कि कलाकार को एक अच्छा इंसान भी होना चाहिए यदि ऐसा हो जाता है तो कृतियों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। कलाकार बद्रीनाथ आर्य तथा नीरज गोस्वामी जी के सानिध्य का असर इनके कृतियों पर परिलक्षित होता है तन्मयता, निरंतरता, तारतम्यता आदि सारे गुण आपको इन्हीं से प्राप्त हुए जान पड़ते हैं। कलाकार को कैनवास से बतियाते हुए अपने कृति का निर्माण करना चाहिए। कलाकार अपने साधना में लीन होने के बाद ही अच्छी कृतियों को प्राप्त कर सकता है। रंगों के साथ ही आपकी कुछ श्याम स्वेत कृतियां भी हैं जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती हैं और अपने भाव संप्रेषित कर पाने में पूर्णतः सफल भी हैं। जल रंग, मिश्रित माध्यम, से होते हुए आजकल आप निरंतर एक्रेलिक रंग के साथ सक्रिय हैं। २६ जनवरी से चलने वाली इस प्रदर्शनी में एक बार फिर से आप कुछ नया लेकर आ रहे हैं आशा है कि पूर्व की भांति ये कृतियां भी अपना प्रभाव छोड़ पाने में पूर्णतः सफल होगी।
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