उपन्यास या कविता में जीवन के आदर्शों को लेकर चलना दुरूह कार्य-डॉ. राज नारायण
जनमानस की समस्याओं पर लेखन आवश्यक-विभूति नारायण
कवि सम्मेलन में कवियों ने बिखेरे कविताओं के विभिन्न रंग
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन में विधा साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था, देवप्रभा प्रकाशन ़एवं वणिका पब्लिकेशंस द्वारा आयोजित उपन्यासकार रवीन्द्र कांत त्यागी के दो उपन्यासों ‘वंश बेल में दंश’ और ‘पिघलती मिट्टी’ के लोकार्पण समारोह व परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्यकारी डॉ. राज नारायण शुक्ला ने कहा कि किसी कहानी, उपन्यास या कविता की रचना करते हुए जीवन के आदर्शों को साथ लेकर चलना बड़ा दुरूह कार्य है, और उपन्यासकार रविंद्र कांत त्यागी ने यह कर दिखाया है। उन्होंने उपन्यासों की भाषा-शैली को बहुत कसी हुई और रुचि पैदा करने वाली बताया। समारोह अध्यक्ष सुप्रसिद्ध साहित्यकार विभूति नारायण राय ने कहा, एक लेखक का दायित्व है कि समाज की वर्तमान कुरीतियों पर और जनमानस की समस्याओं पर भी लेखन का कार्य करे। जनमानस से जुड़कर ही अच्छे साहित्य की रचना की जा सकती है। अतिथि वक्ता डॉ. पूनम सिंह ने कहा कि रवींद्र कांत त्यागी अपनी रचनाएं जनता को समझ आने वाली सहज भाषा में लिखते हैं। उनकी लेखन शैली मुंशी प्रेमचंद की तरह है, जो आम जनमानस की कहानी प्रतीत होती है। गृह मंत्रालय में सहायक निदेशक राजभाषा रघुवीर शर्मा ने उपन्यास के संवेदनशील अंश पढ़कर सुनाए और उनकी सराहना की। दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में प्रोफेसर डॉ. श्रीनिवास त्यागी ने कहा श्री त्यागी अपनी कलम के अगले हिस्से पर हमेशा राष्ट्रवाद को बिठाकर रखते हैं। समाज के किसी भी वर्ग की कहानी हो किंतु आदर्श और राष्ट्रवाद उनकी कहानियों में सदैव जिंदा रहता है। वरिष्ठ पत्रकार शुभेंदु ओझा ने कहा कि एक लेखक की समाज के प्रति बहुत जिम्मेदारी होती है। आज हर प्रकार का लेखन और वेब सीरीज चलन में है, जो समाज को एक नशा और एक जहर परोस रहे हैं, ऐसी स्थिति में श्री त्यागी के उपन्यास समाज को एक दिशा, एक आदर्श और अपने कर्तव्यों के निर्वहन का दायित्व बोध कराने का कार्य करते हैं। प्रकाशक डॉ. चेतन आनंद ने कहा कि रवींद्र कांत त्यागी के उपन्यास प्रकाशित कर अत्यंत हर्ष हुआ, क्योंकि उनके उपन्यास समसामयिक और समाज को एक दिशा देने वाले हैं। समारेाह में वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार रवि अरोड़ा, सुरेन्द्र अरोड़ा, वरिष्ठ पत्रकार व राजनैतिक सलाहकार अवनीश त्यागी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस सत्र का कुशल संचालन हिसार आकाशवाणी केन्द्र की उद्घोषिका डॉ. अल्पना सुहासिनी ने किया। दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. रमा सिंह ने की। सुप्रसिद्ध शायर मासूम गाजियाबादी, सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. अल्पना सुहासिनी, अजीत श्रीवास्तव, नूतन अग्रवाल, डॉ. चेतन आनंद आदि ने अपने काव्य पाठ से सबको सम्मोहित कर दिया। कुशल संचालन डॉ. चेतन आनंद ने किया। समारोह में अतिथि वक्ताओं व कवियों को स्मृति चिह्न, शॉल, गिफ्ट हैम्पर, गुलदस्ते भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विधा संस्था के अध्यक्ष एनसी पाराशर, सुनंदा, परितोष कौशिक, विनोद कुमार त्यागी, शशि कांत त्यागी, राधेश्याम मधुकर, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, मंजुला मन, बीएल बत्रा अमित्र आदि उपस्थित थे। तेज बारिश के बावजूद पूरा कार्यक्रम बेहद सफल रहा।