गुणात्मक सुधार के लिए परख शिक्षा को बढ़ावा मिलना जरूरी-डाॅ. अमिता

मेवाड़ ने आनलाइन गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के डीएलएड विभाग द्वारा आनलाइन आयोजित गेस्ट लेक्चर में बरेली काॅलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. अमिता गुप्ता ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य को देखते हुए परख शिक्षा को बढ़ावा मिलना बहुत जरूरी है। इससे ही शिक्षा में गुणात्मक विकास लाया जा सकता है। वह ‘परीक्षा और मूल्यांकन पैटर्न के अवसर व चुनौतियों में आदर्श बदलाव’ विषय पर अपने विचार ब्यक्त कर रही थीं। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि प्राचीन शिक्षा प्रणाली में गुरु व शिष्य का पिता-पुत्रवत भावनात्मक सम्बंध होता था। मौखिक शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी का चारित्रिक विकास करने पर बल दिया जाता था। पांचवीं शताब्दी बौद्धकालीन शिक्षा का उद्देश्य, चारित्रिक निर्माण, विचारों की शुद्धता, पवित्रता, व्यक्तित्व विकास एवं धर्मप्रचार था। मध्यकालीन शिक्षा केवल धर्म का प्रचार करने वाली शिक्षा ही रही। लेकिन देश की आजादी के बाद शिक्षा नीति में बदलाव आए और विद्यार्थियों को शिक्षक-शिक्षार्थी केन्द्रित शिक्षा देने पर बल दिया गया। इसमें अधिगम शिक्षा विद्यार्थियों को दी जाने लगी। मूल्यांकन प्रणाली, मौखिक-लिखित, आंतरिक, बाहरी, सीसीई और कौशल आधारित मूल्यांकन, विश्वसनीयता व वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा दिया गया। परन्तु आज के हालात देखते हुए कह सकते हैं कि विद्यार्थियों में गुणात्मक विकास लाने के लिए परख शिक्षा देना बहुत जरूरी है। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा वह हो जो विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करे। पाठ्यक्रम के अलावा उनका व्यक्तित्व विकास भी करे। सैद्धांतिक शिक्षा के अलावा व्यवहारिक शिक्षा पाकर विद्यार्थी देश वे समाज के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बनेगा। जो आज की महती आवश्यकता भी है। गेस्ट लेक्चर से पूर्व सरस्वती वंदना, अतिथि अभिनंदन की परम्परा को विभागध्यक्ष अमित बबेरवाल ने औपचारिक सम्पन्नता प्रदान की। राष्ट्रगान के साथ गेस्ट लेक्चर का समापन हुआ।

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