प्रासंगिक बने रहना है तो समयानुसार खुद को बदलो-डाॅ. अलका

मेवाड़ की ‘निरंतरता के लिए परिवर्तन’ विषय पर वेबिनार आयोजित
गाजियाबाद। मेवाड़ इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट ने गाजियाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के सहयोग से 15वें राष्ट्रीय प्रबंधन दिवस पर ‘परिवर्तन के लिए निरंतरता’ विषय पर आनलाइन सेमिनार आयोजित किया। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रासंगिक बने रहने के लिए हमें बदलते समय के अनुसार खुद को बदलना होगा। जो लोग बदलने से इनकार करते हैं, कहने की जरूरत नहीं है, वे हमेशा पिछड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें उन तरीकों में नया करने के लिए तैयार रहना होगा जो तकनीक के इर्द-गिर्द न घूमें। निरंतरता सफल व्यवसाय परिवर्तन के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आपदा को अवसर में बदलने के तरीके मेवाड़ ने अपने विद्यार्थियों को कोरोनाकाल में बहुत सिखाये हैं। पहले तकनीकी सत्र में जेटकिंग लिमिटेड कंपनी के प्लेसमेंट हैड सुधीर गौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि प्लेसमेंट और कॅरियर विकास में परिवर्तन एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध कथन का आह्वान किया, ‘उठो, जागो और तब तक नहीं रुकना जब तक लक्ष्य पूरा न हो जाए’ और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयासों के लिए सभी को प्रेरित किया। दूसरे तकनीकी सत्र को राजश्री चक्रवर्ती ने संभाला। जेटकिंग लिमिटेड कंपनी की एरिया मैनेजर सुश्री चक्रवर्ती ने जोर देकर कहा कि हमें दूसरों को नियंत्रित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने सही कर्म पर जोर दिया और कहा कि जैसा आप बोते हैं, इसीलिए आप वैसा काटते हैं। उनका कहना था कि खुशी एक मंजिल नहीं है बल्कि जीवन का एक रास्ता है। गाजियाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक विनय गुप्ता ने कहा कि हमारे पास प्रतिरोध को बदलने की प्रवृत्ति है और यह जीवन में एक बड़ी चुनौती है। साथ ही परिवर्तन एकमात्र स्थिर चीज है। वेबिनार मेवाड़ इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के प्रमुख डाॅ. आशुतोष मिश्रा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुई। संचालन मेवाड़ इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट की संकाय आकांक्षा गुप्ता ने किया।

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