विद्यार्थी बोले- किसानों की माली हालत देखकर ही कृषि बिल पास करे सरकार
मेवाड़ में ‘कृषि कानून’ पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित
प्रतियोगिता में विपक्ष में बोलने वाले शाकिर चौधरी अव्वल रहे
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में ‘कृषि कानून’ विषय पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने इसके पक्ष और विपक्ष में महत्वपूर्ण तर्क दिए। विपक्ष में बोलने वाले बीकाॅम द्वितीय वर्ष के छात्र शाकिर चौधरी अव्वल रहे। अंशिता त्रिपाठी दूसरे और सोनम व प्राची शर्मा तीसरे स्थान पर रहे। विद्यार्थियों के सुझाव थे कि कृषि कानून किसानों के हित में है जिसे लागू किया जाना चाहिए तो विपक्ष के विद्यार्थियों का मत था कि सरकार किसानों की माली हालत देखकर ही उनके हित में उचित निर्णय ले। अन्यथा किसानों को बहुत क्षति हो सकती है। जिसकी भरपाई भविष्य में हो पाना मुश्किल होगा। प्रतियोगिता में कुल 12 प्रतियोगियों की 6 टीमें बनाई गई थीं। इस मौके पर मौजूद मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि एमएसपी को कृषि कानून में लिखित में शामिल किया जाना चाहिए। सरकार हर जिले में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को दे ताकि किसानों को अपनी फसल एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए कोई अतिरिक्त चार्ज न देना पड़े। किसानों की जमीन सुरक्षित रहेगी, इसकी गारंटी भी सरकार को देनी चाहिए। सरकार का दायित्व है कि वह किसानों की हर शंका का निवारण करे। आखिर कृषि हमारे देश की लाइफलाइन है। उन्होंने कृषि कानून की खूबियों पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्अीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल सहित मेवाड़ का शिक्षण व गैर शिक्षण स्टाफ भी मौजूद था। मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डाॅ. आरपी उपाध्याय एवं एचओडी शिव शंकर मौर्य निर्णायक के रूप में उपस्थित रहे। अंत में संयोजक काॅमर्स विभाग की प्रभारी निधि बंसल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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