मेवाड़ में दो दिवसीय महर्षि दयानंद जयंती समारोह का हुआ समापन
गाजियाबाद। भारतीय राजस्व सेवा में वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रखर विचारक अशोक आर्य ने कहा कि इंसान केवल मशीन है और वेद इसके आपरेटर हैं। जिस प्रकार मशीन बिना आपरेटर के नहीं चल सकती, उसी प्रकार वेदों के बिना इसान जीवन यापन नहीं कर सकता। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित दो दिवसीय महर्षि दयानंद सरस्वती समारोह के समापन अवसर पर उन्होंने यह बात विद्यार्थियों व मेवाड़ स्टाफ को बताई। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि वेद सत्य हैं। वे एक अप्रत्यक्ष ईश्वरीय सत्ता को मानते हैं। उनकी नजर में ईश्वर का कोई सम्प्रदाय नहीं होता। वेदों के ज्ञान से मानव अपने जीवन के मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को यजुर्वेद के श्लोकों का महत्व बताते हुए इनका उच्चारण भी कराया। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने वेदों के मंत्रों पर प्रकाश डाला और इन्हें अपने मूल जीवन में अपनाने की विद्यार्थियों से अपील की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वामी दयानंद की सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक अवश्य पढ़ें। यह विश्व में व्याप्त तमाम विवादों और पाखंडों पर तीव्र कुठाराघात करती है और मानवता का पाठ पढ़ाती है। इससे आपका आध्यात्मिक व आंतरिक विकास होगा और आप श्रेष्ठ जीवन जीने के हकदार बनोगे। समापन समारोह में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कविताओं, भाषण व भजनों के माध्यम से स्वामी दयानंद के विचारों का बखान किया। ‘रास्ता कर दो खाली, आई फौज दयानंद वाली’ समूह गीत बहुत पसंद किया गया।