बहु मंजिल इमारत के चौबीसवी मंजिल अथवा इक्कीसवीं मंजिल पर अपार्टमेंट लिया है अक्सर आपने लोगों को गर्व के साथ कहते सुना होगा | क्या कभी किसी ने सोचा इन घरों को कई मजदूरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर हम लोगों के लिए बनाया है | मजदूर अथवा श्रमिक कहलाते है यह लोग | इन्हें देख कर लगता है इनके बारे मे कोई क्या लिख सकता है ? आज कुछ ऐसा हुआ कि कलम ने इनके लिए लिखने की ठान ली | बारहवीं मंजिल की अपनी खिड़की सूरज की रोशनी के लिए जैसे ही खोलती हूँ तो देखा सामने की बिल्डिंग में रिनोवेशन चल रहा है | एक मजदूर दस माला के पुराने छोटे से छप्पर पर निश्चिंत बैठा हुआ स्मार्ट फोन यूज़ कर रहा है | उसके दोनों हाथ स्मार्ट फोन को पकड़े हुए थे ऐसे मे यदि हल्का सा भी संतुलन बिगड़ जाए तो वह दस माला से सीधा नीचे गिर के अपनी जान गवाँ सकता था | धूप तेज थी लगता है सुबह से काम करके थक गया होगा तो थोड़ी देर उसी छोटे से छप्पर पर स्मार्ट फोन के साथ सुस्ताने लगा होगा | स्मार्ट फोन जिसने भी बनाया है जैसे सभी के हाथों में पूरी दुनिया दे दी है | कामगार श्रमिकों से लेकर ,न्यूज़ रीडर ,संपादक ,नेता ,प्रधानमंत्री सबके हाथों मे यह स्मार्ट फोन देखा जा सकता है | स्मार्ट फोन ने हर एक को स्मार्ट बना दिया है वही दूसरी तरफ इस स्मार्ट फोन की वजह से बहुत से हादसे भी हो जाते है | कहीं कोई सेल्फ़ी लेने के चक्कर में ट्रेन से गिर पड़ता है तो कोई झरने मे गिर कर जान से हाथ धो बैठता है | कोई सड़क पर बात करते चलने से सड़क हादसे का शिकार हो जाता है तो कोई कार चलाते समय इसपर बात करते हुए टक्कर कर कई लोगों को मार देता है | इसी तरह यह मजदूर भी गिर सकता था | मैंने सोचा ज़ोर से आवाज दे के बोलूँ , “ काम के समय स्मार्ट फोन क्यूँ लाये हो भाई अगर संतुलन बिगड़ा तो जान से हाथ धो बैठोगे |“ फिर सोचा मेरे लिए यह उचित नहीं होगा | मै कलम से यह बात कहूँगी जिससे देश के सभी मजदूरों तक बात पहुँचे और उनके ऊपर काम कर रहे कांट्रेक्टरों तक भी जिससे वह इस तरह के जोख़िम भरे काम के समय मोबाइल नहीं ले जाने दें | किसी भी बिल्डिंग को बनाने में न ठेकेदार अपनी जान जोख़िम मे डाल रहे और न ही इंजीनियर | असली काम करने वाला यह बेचारा श्रमिक है जो बनाता भी है और जान भी जोख़िम मे डालता है | इन्हें सिर्फ 800 रुपये मजदूरी दे के छुट्टी कर दी जाती है | इनके लिए भी सरकार को कुछ रोजगार योजना बनानी चाहिए जिससे देश में विकास को और तेज किया जा सके |
* जय हिन्द *
कॉपीराइट @ रचना गोयल