मेवाड़ में अपराधिक मामलों पर मूट कोर्ट आयोजित
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट में कोरोनाकाल के दौरान विशेष एहतियात बरतते हुए मूट कोर्ट का आयोजन किया गया। क्रिमिनल केस पर एलएलबी व बीएएलएलबी के विद्यार्थियों की छह टीमों ने खूब दलीलें पेश कर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। भारतीय दंड संहिता की धाराएं १९४, ३०६,३०२, १०७, ३२४ एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा ६६ आदि से सम्बंधित केस पर टीमों में दिलचस्प चर्चाएं हुईं। टीम ए में बिपिन अरोरा, करिश्मा गुप्ता प्रोसेक्यूशन की तरफ से नीलम यादव एवं बिपिन अरोरा ने अभियुक्त की तरफ से आकर्षक दलील पेश की। कई केस लॉ प्रस्तुत किये। इन्होंने मर्डर के चार इंग्रीडिअन्स को सरकमस्टान्सिअल एविडेंस केस लॉ से साबित किया। फलस्वरूप वे प्रथम आए। टीम बी में साहिल, सुम्बल प्रोसेक्यूशन की तरफ से, अमन गुप्ता एवं शाहरुख ने अभियुक्त की तरफ से आकर्षक दलीलें दीं। परन्तु केस लॉ के अभाव के कारण अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पाए, लेकिन इनका प्रस्तुतिकरण काफी प्रभावी एवं दिलचस्प था। टीम सी के प्रतिभागी पल्लवी चटर्जी, सोनाली बोस प्रोसेक्यूशन की तरफ से तथा राहुल और पल्लवी ने अभियुक्त की तरफ से जबरदस्त बहस की, इनकी तैयारी एवं केस लॉ प्रस्तुत करने का तरीका काफी अच्छा था, फलस्वरूप इन्हें तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। टीम डी में अनुग्रह सिंह एवं आशुतोष त्रिपाठी प्रोसेक्यूशन की तरफ से तथा लक्ष्मी नारायण एवं प्रशांत ने अभियुक्त की तरफ से अच्छी बहस की, परन्तु अपर्याप्त तैयारी, वकालत कौशल एवं दल प्रबंधन की वजह से ये टीम अच्छा स्कोर नहीं कर पाई। टीम ई में शुभम शर्मा, प्राप्ति श्रीवास्तव प्रोसेक्यूशन की तरफ से शुभम कुमार एवं शिवम् अभियुक्त की तरफ अच्छी बहस की, परन्तु अपर्याप्त तैयारी की वजह से टीम अच्छा स्कोर नहीं कर पाई, परन्तु इनका लॉजिकल रीजनिंग और वे ऑफ प्रेजेंटेशन अच्छा था। टीम फ में यश वर्मा, गीतांजलि बंसल प्रोसेक्यूशन की तरफ से प्रेक्षा शर्मा, प्रियंका भारद्धाज अभियुक्त की तरफ से बहस की, परन्तु कमजोर तैयारी की वजह से यह टीम प्रथम चरण में ही बाहर हो गयी। टीम जी में हर्षा, तनुश्री प्रोसेक्यूशन की तरफ से आयेशा अहमद, साक्षी जैन अभियुक्त की तरफ आकर्षक दलील पेश की गई। कई केस लॉ प्रस्तुत किये, जिसकी सराहना सिटींग जज ने भी की। इन्होंने मर्डर के चार इंग्रीडिअन्स को सरकमस्टान्सिअल एविडेंस केस लॉ से साबित किया। फलस्वरूप वे द्वितीय आये। मूट कोर्ट के जज मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ आरके उपाध्याय, अधिवक्ता डॉ. अटल कुमार और अनु मेहरा थीं। यह मूट प्रतियोगिता क्रिमिनल केस पर आधारित थीं। जिसमें अभियुक्त विक्की और उसके तीन सहपाठी एचएमटी मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। जिनपर हत्या का आरोप लगा था, सारे तथ्य सरकमस्टान्सिअल एविडेंस पर आधारित थे, कोई भी प्रत्यक्ष गवाह नहीं था। कार्यक्रम का संयोजन प्रेम प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग विधि विभाग के प्रभारी शिव शंकर मौर्या, सीनियर सहायक प्रोफेसर संगीता धर, राकेश कुमार राय, अजित प्रताप सिंह, मोहम्मद आसिफ व लवीना मोहन ने किया। कार्यक्रम का संचालन छात्र अक्षय पंवार ने किया। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने बताया कि मेवाड़ मूट कोर्ट के जरिये विधि के विद्यार्थियों को पारंगत करने में जुटा है। यह सिलसिला कई सालों से अनवरत जारी है।