अनिल की याद को जिंदा रखने के लिए करेंगे सार्थक काम
गाजियाबाद। सुप्रसिद्ध कवि दिवंगत अनिल असीम की शोकसभा में दिल्ली-एनसीआर के साहित्यकारों, गणमान्य लोगों के अलावा परिजनों ने शामिल होकर अपनी शोक संवेदना प्रगट की। सभी ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि कवि अनिल असीम मिलनसार, नया प्रयोग करने वाले अद्भुत कल्पनाशील कवि और इंसान थे। उनके आकस्मिक निधन से हिंदी साहित्य को बहुत बड़ी क्षति हुई है। उनकी याद को जिंदा रखने के लिये सभी को मिलकर कुछ साहित्यिक व सार्थक प्रयास करने होंगे। शोकसभा में सुप्रसिद्ध कवि डॉ. कुँअर बेचैन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, डॉ. धनंजय सिंह, डॉ. रमा सिंह, दीक्षित दनकौरी, अंजू जैन, अतुल जैन, डॉ. वीना मित्तल, महेश सक्सेना, मासूम गजियाबादी, गोविंद गुलशन, आरपी बंसल, रमेश भदौरिया, प्रवीण कुमार, सीए रवि कुमार, नरेंद्र गोयल, चेतन आनंद, तूलिका सेठ, अनिमेष शर्मा, दीपाली जैन जिया, राजीव सिंघल, अरुण अग्रवाल, मदन गोपाल अग्रवाल, आनंद गुप्ता, अभिनव गुप्ता, आशुतोष जिंदल, शरद लोचन, दीपक मित्तल, हरीश मोहन गर्ग, सुनील अग्रवाल आदि मौजूद रहे। अनिल असीम के सुपुत्र प्रगीत जिंदल ने सभी संस्कारों व रसम को पूर्णता प्रदान की।