अरिहंत ट्रस्ट ने 1728 छात्राओं को खाने के पैकेट बांटे

सिलाई-कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्रों की भी दी जानकारी

गाजियाबाद। अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष डाॅ. अलका अग्रवाल की ओर से एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की 1728 छात्राओं व काॅलेज स्टाफ को खाने के पैकेट वितरित किये। उनका मानना है कि पैसा देने के बजाय गरीब तबके को खाना देकर उनकी मदद की जानी चाहिये। उन्हें रोज़गारपरक प्रशिक्षण कोर्स सिखाये जाने चाहिएं ताकि विशेषरूप से लड़कियां स्वावलम्बी बनें। डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने काॅलेज की छात्राओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु यहां सिलाई और कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की हुई है। उन्हें तीन महीने से लेकर साल भर तक के शाॅर्ट टर्म सर्टीफिकेट कोर्स कराये जाते हैं।
निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र- ऐसा गाजियाबाद में पहली बाद हुआ कि किसी ट्रस्ट ने सरकार से बिना आर्थिक सहायता लिये सरकारी विद्यालय में निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोला। एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की एक इमारत में दो कमरे लेकर और उन्हें सुसज्जित कर प्रशिक्षण कार्य शुरू किया। इसमें 20 कंप्यूटर लगे और एक ट्रेनर नेहा को वेतन पर रखा। नेहा का वेतन भी डाॅ. अलका अग्रवाल स्वयं वहन करती हैं। डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि एक अप्रैल 2019 को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया। इसमें एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की गरीब व असहाय परिवारों की करीब 150 बच्चियां प्रतिदिन प्रशिक्षण ले रही हैं। अभी तक लगभग 400 बच्चियों ने कंप्यूटर प्रशिक्षण लेना शुरू किया है और भविष्य में यह संख्या बढ़ती जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चियों को फिलहाल कंप्यूटर की बेसिक जानकारियां दी जा रही हैं। 4 महीने बाद उन्हें सर्टीफिकेट कोर्स कराये जाएंगे। ये सर्टीफिक्ेट कोर्स 3 महीने से लेकर 6 महीने तक के होंगे। बच्चियां 12वीं जब पास कर जाएंगीं तो उन्हें नोएडा, दिल्ली व गाजियाबाद की सम्बंधित कंपनियों में नौकरी दिलाने का काम किया जाएगा। बच्चियां चाहें तो इनमें पार्ट टाइम व फुल टाइम नौकरी कर सकेंगीं।
निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र- इसी तरह से गाजियाबाद नगर निगम की मदद से ट्रस्ट ने एक जुलाई 2019 को एक और कमरे में सुधार कार्य करवाया और उसमें निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोला है। इसमें 20 सिलाई मशीनें लगाई गई हैं। लक्ष्मी नाम की ट्रेनर लड़कियों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं। लक्ष्मी का मासिक वेतन भी ट्रस्ट ही वहन कर रहा है। इसमें कैंची, कपड़ा, धागा आदि मैटीरियल भी स्कूली छात्राओं को निःशुल्क ट्रस्ट ही मुहैया करवा रहा है। डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि अभी एक सरकारी विद्यालय में ही दो प्रशिक्षण केन्द्र एकदम निःशुल्क शुरू किये गये हैं। इन दोनों का विधिवत उद्घाटन गत 17 अगस्त 2019 को नगर निगम की महापौर श्रीमती आशा शर्मा ने अपने कर कमलों से किया। उनकी योजना अन्य सरकारी स्कूलों में खासतौर से बच्चियों को व्यवसायिक तौर पर प्रशिक्षित करने और उन्हें स्वावलम्बी बनाने की है। इसलिए वह अपने ट्रस्ट के माध्यम से गाजियाबाद के अन्य सरकारी स्कूलों में निःशुल्क कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोलेंगीं। उन्होंने बताया कि शुरू से ही उनके मन में इच्छा लड़कियों को पढ़ाने, उन्हें स्वावलम्बी बनाने और उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की रही है।

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