रामपुर तिराहाकांड में दोषियों के खिलाफ जांच आयोग गठित नहीं
नई दिल्ली। 2 अक्टूबर 2019 को जंतर मंतर, दिल्ली पर वन यूके टीम द्वारा आयोजित ’न्याय हमारा हक’ मुिहम की एक जबरदस्त शुरुआत हुई। करीब 1000 से अधिक उत्तराखंडी लोग पहुंचे, जो वर्ष 1994 में उत्तराखंडी आंदोलनकारियों के रामपुर तिराहे पर भीषण नरसंहार और महिलाओं के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंडी जनमानस 25 वर्षों से लंबा इंतजार कर रहा है लेकिन अब यह नहीं चलेगा। नौजवानों की एक टीम वन यूके ने इसका बीड़ा उठाया है जो सरकार से वर्ष 1994 में हुए विभिन्न गोलीकांडों के लिए एक मजबूत जांच आयोग के गठन का मुद्दा उठा रही है। टीम के अध्यक्ष दिनेश सिंह बिष्ट बताते हैं कि उत्तराखंडी युवा अब जागरूक हो रहा है। वह अपने लिए न्याय और अधिकारों को मांगने के लिए एक बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार हो रहा है। यदि यह न्याय नहीं मिलता तो इसके लिए राज्य और केंद्र सरकारें जिम्मेदार होंगी। इस आयोजन में अन्य उत्तराखंडी संस्थाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उपस्थित सभी लोगों में सरकारों के प्रति काफी रोष देखा गया। सरकार की विफलताओं का एक पुतला भी बनाया गया, जिसको लोगों ने जमकर पीटा। टीम से प्रीतम सिंह जेठा बताते हैं कि यह न्याय के लिए एक जंग है जो हम अधिक लंबी नहीं चलने देंगे। सरकारों को जवाब देना होगा कि क्यों 25 वर्षों में भी एक भी दोषी को सलाखों के पीछे नहीं भेजा गया? क्या इतने बड़े नरसंहार का कोई भी दोषी नहीं? दिनेश ने बताया कि उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को ईमेल के माध्यम से इस जांच आयोग के गठन के लिए अपना समर्थन देने का अनुरोध किया है। देखना यह है कि इस आजाद भारत में कितने राजनेता आज भी न्याय के लिए जनता के साथ खड़े हैं। उपस्थित लोगों में मुलायम सिंह यादव, एके सिंह, बुआ सिंह और समाजवादी पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार से अनुरोध किया कि जल्दी इन दर्दनाक घटनाओं पर जांच आयोग का गठन हो। इसके लिए एक ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति को भी भेजा गया है। सभी उत्तराखंडी लोगों को आशा है कि इस बार न्याय अवश्य और जल्दी मिलेगा।
प्रस्तुति-यशोदा जोशी, हमारे संवाददाता