गाजियाबाद के सरकारी स्कूल में खोले निःशुल्क कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र
400 स्कूली बच्चियां सीख रही हैं कंप्यूटर चलाना
इतनी ही लड़कियों ने सिलाई-कढ़ाई सीखना शुरू किया
गाजियाबाद। अज्ञानता के घने-घुप्प अंधेरे में विचारों की लालटेन लेकर कोई विरला ही चलता है। और….जो ऐसा दुस्साहसिक कार्य करता है वह युग निर्माता कहलाता है, मार्गदर्शक बनता है। कुछ ऐसा ही काम कर दिखाया है दिल्ली के अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष डाॅ. अलका अग्रवाल ने। गाजियाबाद ज़िले के इतिहास में पहली बार डाॅ. अलका अग्रवाल ने अपने एक प्रस्ताव से गाजियाबाद नगर निगम को चैंका दिया। डाॅ. अलका ने एक प्रस्ताव इस साल 2019 में नगर निगम अधिकारियों को जाकर दिया। प्रस्ताव था कि वह अपने ट्रस्ट की ओर से सरकारी विद्यालयों में गरीब-असहाय लड़कियों को कंप्यूटर व सिलाई-कढ़ाई का निःशुल्क प्रशिक्षण देना चाहती हैं। सरकारी विद्यालयों में उनका ट्रस्ट निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का इच्छुक है।
निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र-
गाजियाबाद नगर निगम ने उनके इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार करते हुए चंद्रपुरी गाजियाबाद स्थित एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज में निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की अनुमति प्रदान कर दी। ऐसा गाजियाबाद में पहली बाद हुआ कि किसी ट्रस्ट ने सरकार से बिना आर्थिक सहायता लिये सरकारी विद्यालय में निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोला। एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की एक इमारत में दो कमरे लेकर और उन्हें सुसज्जित कर प्रशिक्षण कार्य शुरू किया। इसमें 20 कंप्यूटर लगे और एक ट्रेनर नेहा को वेतन पर रखा। नेहा का वेतन भी डाॅ. अलका अग्रवाल स्वयं वहन करती हैं। डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि एक अप्रैल 2019 को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया। इसमें एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की गरीब व असहाय परिवारों की करीब 150 बच्चियां प्रतिदिन प्रशिक्षण ले रही हैं। अभी तक लगभग 400 बच्चियों ने कंप्यूटर प्रशिक्षण लेना शुरू किया है और भविष्य में यह संख्या बढ़ती जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चियों को फिलहाल कंप्यूटर की बेसिक जानकारियां दी जा रही हैं। 4 महीने बाद उन्हें सर्टीफिकेट कोर्स कराये जाएंगे। ये सर्टीफिक्ेट कोर्स 3 महीने से लेकर 6 महीने तक के होंगे। बच्चियां 12वीं जब पास कर जाएंगीं तो उन्हें नोएडा, दिल्ली व गाजियाबाद की सम्बंधित कंपनियों में नौकरी दिलाने का काम किया जाएगा। बच्चियां चाहें तो इनमें पार्ट टाइम व फुल टाइम नौकरी कर सकेंगीं।
निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र-
इसी तरह से गाजियाबाद नगर निगम की मदद से ट्रस्ट ने एक जुलाई 2019 को एक और कमरे में सुधार कार्य करवाया और उसमें निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोला है। इसमें 20 सिलाई मशीनें लगाई गई हैं। लक्ष्मी नाम की ट्रेनर लड़कियों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं। लक्ष्मी का मासिक वेतन भी ट्रस्ट ही वहन कर रहा है। इसमें कैंची, कपड़ा, धागा आदि मैटीरियल भी स्कूली छात्राओं को निःशुल्क ट्रस्ट ही मुहैया करवा रहा है। डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि अभी एक सरकारी विद्यालय में ही दो प्रशिक्षण केन्द्र एकदम निःशुल्क शुरू किये गये हैं। इन दोनों का विधिवत उद्घाटन गत 17 अगस्त 2019 को नगर निगम की महापौर श्रीमती आशा शर्मा ने अपने कर कमलों से किया।
ट्रस्ट की भावी योजना-
उनकी योजना अन्य सरकारी स्कूलों में खासतौर से बच्चियों को व्यवसायिक तौर पर प्रशिक्षित करने और उन्हें स्वावलम्बी बनाने की है। इसलिए वह अपने ट्रस्ट के माध्यम से गाजियाबाद के अन्य सरकारी स्कूलों में निःशुल्क कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोलेंगीं। उन्होंने बताया कि शुरू से ही उनके मन में इच्छा लड़कियों को पढ़ाने, उन्हें स्वावलम्बी बनाने और उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की रही है। हालांकि उनकी सोच को साकार होने में थोड़ा समय तो लगा लेकिन नगर निगम की वजह से उनके सोच को साकार होने का अवसर तो मिला ही, उड़ान भरने के लिए नये पंख भी मिले। उन्हें विश्वास है कि लोग उनकी भावनाओं को समझेंगे।
400 स्कूली बच्चियां सीख रही हैं कंप्यूटर चलाना
इतनी ही लड़कियों ने सिलाई-कढ़ाई सीखना शुरू किया
गाजियाबाद। अज्ञानता के घने-घुप्प अंधेरे में विचारों की लालटेन लेकर कोई विरला ही चलता है। और….जो ऐसा दुस्साहसिक कार्य करता है वह युग निर्माता कहलाता है, मार्गदर्शक बनता है। कुछ ऐसा ही काम कर दिखाया है दिल्ली के अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष डाॅ. अलका अग्रवाल ने। गाजियाबाद ज़िले के इतिहास में पहली बार डाॅ. अलका अग्रवाल ने अपने एक प्रस्ताव से गाजियाबाद नगर निगम को चैंका दिया। डाॅ. अलका ने एक प्रस्ताव इस साल 2019 में नगर निगम अधिकारियों को जाकर दिया। प्रस्ताव था कि वह अपने ट्रस्ट की ओर से सरकारी विद्यालयों में गरीब-असहाय लड़कियों को कंप्यूटर व सिलाई-कढ़ाई का निःशुल्क प्रशिक्षण देना चाहती हैं। सरकारी विद्यालयों में उनका ट्रस्ट निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का इच्छुक है।
निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र-
गाजियाबाद नगर निगम ने उनके इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार करते हुए चंद्रपुरी गाजियाबाद स्थित एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज में निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की अनुमति प्रदान कर दी। ऐसा गाजियाबाद में पहली बाद हुआ कि किसी ट्रस्ट ने सरकार से बिना आर्थिक सहायता लिये सरकारी विद्यालय में निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र खोला। एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की एक इमारत में दो कमरे लेकर और उन्हें सुसज्जित कर प्रशिक्षण कार्य शुरू किया। इसमें 20 कंप्यूटर लगे और एक ट्रेनर नेहा को वेतन पर रखा। नेहा का वेतन भी डाॅ. अलका अग्रवाल स्वयं वहन करती हैं। डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि एक अप्रैल 2019 को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया। इसमें एमबी गल्र्स इंटर काॅलेज की गरीब व असहाय परिवारों की करीब 150 बच्चियां प्रतिदिन प्रशिक्षण ले रही हैं। अभी तक लगभग 400 बच्चियों ने कंप्यूटर प्रशिक्षण लेना शुरू किया है और भविष्य में यह संख्या बढ़ती जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चियों को फिलहाल कंप्यूटर की बेसिक जानकारियां दी जा रही हैं। 4 महीने बाद उन्हें सर्टीफिकेट कोर्स कराये जाएंगे। ये सर्टीफिक्ेट कोर्स 3 महीने से लेकर 6 महीने तक के होंगे। बच्चियां 12वीं जब पास कर जाएंगीं तो उन्हें नोएडा, दिल्ली व गाजियाबाद की सम्बंधित कंपनियों में नौकरी दिलाने का काम किया जाएगा। बच्चियां चाहें तो इनमें पार्ट टाइम व फुल टाइम नौकरी कर सकेंगीं।
निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र-
इसी तरह से गाजियाबाद नगर निगम की मदद से ट्रस्ट ने एक जुलाई 2019 को एक और कमरे में सुधार कार्य करवाया और उसमें निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोला है। इसमें 20 सिलाई मशीनें लगाई गई हैं। लक्ष्मी नाम की ट्रेनर लड़कियों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं। लक्ष्मी का मासिक वेतन भी ट्रस्ट ही वहन कर रहा है। इसमें कैंची, कपड़ा, धागा आदि मैटीरियल भी स्कूली छात्राओं को निःशुल्क ट्रस्ट ही मुहैया करवा रहा है। डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि अभी एक सरकारी विद्यालय में ही दो प्रशिक्षण केन्द्र एकदम निःशुल्क शुरू किये गये हैं। इन दोनों का विधिवत उद्घाटन गत 17 अगस्त 2019 को नगर निगम की महापौर श्रीमती आशा शर्मा ने अपने कर कमलों से किया।
ट्रस्ट की भावी योजना-
उनकी योजना अन्य सरकारी स्कूलों में खासतौर से बच्चियों को व्यवसायिक तौर पर प्रशिक्षित करने और उन्हें स्वावलम्बी बनाने की है। इसलिए वह अपने ट्रस्ट के माध्यम से गाजियाबाद के अन्य सरकारी स्कूलों में निःशुल्क कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र खोलेंगीं। उन्होंने बताया कि शुरू से ही उनके मन में इच्छा लड़कियों को पढ़ाने, उन्हें स्वावलम्बी बनाने और उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की रही है। हालांकि उनकी सोच को साकार होने में थोड़ा समय तो लगा लेकिन नगर निगम की वजह से उनके सोच को साकार होने का अवसर तो मिला ही, उड़ान भरने के लिए नये पंख भी मिले। उन्हें विश्वास है कि लोग उनकी भावनाओं को समझेंगे।
डाॅ. अलका अग्रवाल-संक्षिप्त परिचय
प्रोफेसर डाॅक्टर अलका अग्रवाल। बिजनेस प्रशासन विषय में स्नातकोत्तर। राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.काॅम, एम.फिल व पी.एच.डी.। राजस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध विभिन्न प्रकाशनों में अनेेक विषयों पर शोधपत्र प्रकाशित। वर्तमान में वसुंधरा सेक्टर 4सी स्थित मेवाड़्र ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस व मेवाड़ विश्वविद्यालय की अनवरत वृद्धि और विकास में अपने मूल्यवान अनुभवों का अभूतपूर्व योगदान देकर मेवाड़ शिक्षा समूह को एक नया आयाम दिया। जैन धर्म, शिक्षा व स्वास्थ्य को समर्पित अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट की चेयरपर्सन। शिक्षण के अलावा अपार प्रशासनिक क्षमताएं। समाज सेवा का भाव आपका स्वाभाविक गुण माना जाता है। गरीबों, असहायों व वृद्धों की सेवा करना आप अपना पुनीत कर्तव्य समझती हैं। ट्रस्ट की ओर से ‘अभिनंदन’ नाम से सालाना स्मारिका का प्रकाशन। इसमें विषयवार सामयिक विषयों पर आधारित विद्वानों के लेखों का संकलन। ईश्वर प्रदत्त लेखन व काव्य प्रतिभा की धनी। दर्जन भर लेख व सरस कविताओं से सुसज्जित ‘मन के मनके’ नामक चर्चित पुस्तक की रचयिता। आपको दो दर्जन से अधिक पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र उत्कृष्ट शिक्षण, प्रशासनिक व समाज सेवा के क्षेत्र में हासिल हुए हैं।
प्रोफेसर डाॅक्टर अलका अग्रवाल। बिजनेस प्रशासन विषय में स्नातकोत्तर। राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.काॅम, एम.फिल व पी.एच.डी.। राजस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध विभिन्न प्रकाशनों में अनेेक विषयों पर शोधपत्र प्रकाशित। वर्तमान में वसुंधरा सेक्टर 4सी स्थित मेवाड़्र ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस व मेवाड़ विश्वविद्यालय की अनवरत वृद्धि और विकास में अपने मूल्यवान अनुभवों का अभूतपूर्व योगदान देकर मेवाड़ शिक्षा समूह को एक नया आयाम दिया। जैन धर्म, शिक्षा व स्वास्थ्य को समर्पित अरिहंत चेरिटेबल एजुकेशनल ट्रस्ट की चेयरपर्सन। शिक्षण के अलावा अपार प्रशासनिक क्षमताएं। समाज सेवा का भाव आपका स्वाभाविक गुण माना जाता है। गरीबों, असहायों व वृद्धों की सेवा करना आप अपना पुनीत कर्तव्य समझती हैं। ट्रस्ट की ओर से ‘अभिनंदन’ नाम से सालाना स्मारिका का प्रकाशन। इसमें विषयवार सामयिक विषयों पर आधारित विद्वानों के लेखों का संकलन। ईश्वर प्रदत्त लेखन व काव्य प्रतिभा की धनी। दर्जन भर लेख व सरस कविताओं से सुसज्जित ‘मन के मनके’ नामक चर्चित पुस्तक की रचयिता। आपको दो दर्जन से अधिक पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र उत्कृष्ट शिक्षण, प्रशासनिक व समाज सेवा के क्षेत्र में हासिल हुए हैं।
प्रस्तुति-डाॅ. चेतन आनंद