शोकाकुल यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ पीएन अरोड़ा ने कहा कि ‘जेटली के निधन की खबर सुनकर मैं बहुत दुखी एवं स्तब्ध हूं। वे उत्कृष्ट वकील, सुलझे हुए सांसद और उत्कृष्ट मंत्री थे। देश को बनाने में उन्होंने अविस्मरणीय अहम योगदान दिया। श्री जेटली जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं अपने श्री चरणों में स्थान दें। खबर फैलते ही यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी में सभी डॉक्टरों एवं स्टाफ में शोक की लहर दौड़ गयी । श्री अरुण जेटली जी ने ही यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी के नए विंग का उदघाटन जून 2016 में स्वयं किया था एवं कई डॉक्टरों से उन्होंने व्यक्तिगत बातचीत भी की थी, ऐसा भी कह सकते हैं कि यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी के डॉक्टर, प्रबंधन एवं स्टाफ से उनका गहरा नाता था तथा समय समय पर उनका मार्गदर्शन मिलता रहता था। यशोदा हॉस्पिटल की निदेशिका श्रीमती उपासना अरोड़ा ने इसे यशोदा परिवार के लिए एक निजी छति बताया और भारतीय राजनीति में उनका योगदान अमर रहेगा। श्री अरुण जेटली जी के निधन के बाद पूरा देश शोक में डूब गया है । डॉ अरोड़ा ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं एक अनुभवी राजनेता के साथ-साथ देश के बड़े राजनीतिक स्तम्भ थे । उनके असामयिक निधन से भारत को बड़ा झटका लगा है। डॉ अरोड़ा ने कहा कि जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने कहा कि उनके रूप में मैंने एक ऐसा अभिन्न सदस्य खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षों तक प्राप्त होता रहा। उन्होंने श्री अरुण जेटली जी के साथ बिठाये हुए पलों को याद करते हुए कहा कि उनमें गंभीरता और विनोद प्रियता का अनूठा संगम था। समाज के हर वर्ग में लोग उन्हें चाहते थे। संविधान, इतिहास, सार्वजनिक नीति और प्रशासन की उन्हें गहरी समझ थी। वे देश को कैसे आगे ले जाना है और भारत को फिर से विश्वगुरु बनाना है इस बारे में गहन चिंतन एवं चर्चा करते रहते थे । केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने कई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। देश की आर्थिक उन्नति में उनका योगदान अमर रहेगा, उन्होंने देश की सुरक्षा को मजबूत किया और ऐसे कानून बनाने में अहम् भूमिका निभाई जो जनता के लिए सहूलियत वाले हों। आपातकाल में वो छात्र नेता के तौर पर सक्रिय रहे।