वैशाली में 30 कवियों ने अपनी कविताओं से बिखेरे कविता के विविध रंग
जन्माष्टमी  के शुभ अवसर पर वैशाली स्थित रामप्रस्थ ग्रीन्स में करीब 30 कवियों ने कविताओं की एक  खूबसूरत महफिल सजाई। यह खूबसूरत काव्य संध्या “अखिल भारतीय साहित्य परिषद- ट्रान्स हिण्डन इकाई” के तत्वावधान में आयोजित की गई।संस्था की कोषाध्यक्ष वन्दना कुंवर रायजादा के निवास पर आयोजित इस शानदार कार्यक्रम की अध्यक्षता महाकवि डा कुँवर बेचैन ने की जबकि मुख्य अतिथि रहे विख्यात कवि डा चेतन आनंद। कार्यक्रम की शान बढाने के लिए सुप्रसिद्ध कवि बीके वर्मा शैदी मंच पर मौजूद थें। दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरम्भ हुए इस कार्यक्रम में  सबसे पहले कवयित्री ज्योति राठौर ने मधुर कंठ से सरस्वती वन्दना कर सबका मन मोह लिया।इसके बाद  कवियों  ने काव्यधारा की जो शुरुआत की वो 3:30 घंटे तक लगातार बहती रही। जहाँ एक ओर शोभा सचान, ममता लड़ीवाल, नन्दिनी श्रीवास्तव, नीरजा चतुर्वेदी, रेणुका अरोड़ा, प्रतिभा प्रीत, मुस्कान शर्मा, मीरा शलभ, तूलिका सेठ, वंदना कुंवर रायजादा,वर्णिका,पीयूष कांति, जगदीश मीणा, प्रीति गोयल, मयंक राजेश, उदय रस्तोगी, इंद्र्जीत सुकुमार, बीएल बत्रा अमित्र जैसे कवियों ने अपने खूबसूरत काव्य पाठ से कार्यक्रम की शोभा बढाई वहीं दूसरी ओर  चेतन आनंद और बीके वर्मा शैदी जैसे देश के बड़े कवियों ने जब काव्य पाठ करना शुरू किया तो कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ मिलीं। चेतन आनन्द ने महिला उत्पीड़न और बलात्कार जैसे मुद्दे पर बेहद संवेदशील गीत पढ़ा तो बीके वर्मा शैदी ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को ब्रजभूमि की सैर कराई। इस कार्यक्रम के सबसे बड़े आकर्षण थें महाकवि डा कुंवर बेचैन जिन्होने कृष्ण और गोपियों के बीच होली प्रसंग को लेकर बेहतरीन छंद पढ़े साथ ही अन्य सभी कवियों का भी उत्साहवर्द्धन किया। पीयूष कांति के  संयोजन, शरद रायजादा व वन्दना कुंवर रायजादा के आयोजन और नन्दिनी श्रीवास्तव के संचालन में यह कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा।
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