मेवाड़ की मेधावी छात्रा व पीसीएस-जे की यूपी टाॅपर आकांक्षा ने प्रेस वार्ता में कहा
‘बस एक बार ठान लीजिये, जीवन में कुछ भी असंभव नहीं’
गाजियाबाद। ‘कक्षा में शिक्षक जो भी छोटी से छोटी बात बताये, वह व्यर्थ नहीं होती। विद्यार्थी उसे ध्यान देकर सुनें और गुनें। एकदिन वही बात आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा देगी। इसलिए अपने शिक्षकों की बातों को कभी नज़र अंदाज़ न करें। बस एक बार ठान लीजिये, जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।’ पीसीएस-जे परीक्षा में पूरे उत्तर प्रदेश में टाॅप करने वाली मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट की मेधावी छात्रा आकांक्षा तिवारी ने यह बात मेवाड़ से लाॅ कर रहे तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों व पत्रकारों से कही। पत्रकारों से वार्ता के दौरान आकांक्षा ने बताया कि विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बहुत ज्यादा देर तक पढ़ाई न करें। निरंतर ध्यान लगाकर दो घंटे पढ़ाई करें। फिर ब्रेक लें। तीन-चार घंटे के ब्रेक के बाद फिर दो घंटे पढ़ें। ऐसा परीक्षा से 25 दिन पहले करें। जब ब्रेक लें तो सोशल मीडिया पर कोई पाठ्यक्रम संबंधी वीडियो देखें। उन्होंने कहा कि पीसीएस-जे की परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हांेने छह महीने तक टीवी, रिश्ते-नातेदार, दोस्त, घर की बातें सबकुछ त्याग दिया था। केवल और केवल परीक्षा की तैयारी से जुड़ी बातों पर ही गौर किया। मेट्रो में सफर करते हुए भी मोबाइल की लीड कान में लगाकर पाठ्यक्रम से जुड़ी आडियो या वीडियो ही सुनती थी। कभी वाट्सअप नंबर किसी को नहीं दिया। जिन्हें दिया वे भी पीसीएस-जे की पढ़ाई करने वाले ग्रुप के थे। आकांक्षा ने कहा कि पहले उसके हाथ-पैर कांपते थे। उसमें काॅन्फीडेंस नहीं था। लेकिन मेवाड़ में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से उसके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हुई। उसी का नतीजा रहा कि पीसीएस-जे में इंटरव्यू के दौरान उसके हाथ-पैर नहीं कांपे। इसके लिए उसने अपने शिक्षकों व सहपाठियों का आभार व्यक्त किया। आकांक्षा ने कहा कि वह अपने पद पर रहकर गरीबों, असहायों व कमजोर-पीड़ितों को न्याय दिलाने पर ध्यान देंगीं। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि आकांक्षा जैसे और भी मेधावी बच्चे उनके संस्थान में हैं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल आये हैं। हर साल ही उनके बच्चे जज या बड़े वकील बनकर निकलते हैं और समाज व देश की सेवा कर रहे हैं। इंस्टीट्यूशंस के महासचिव अशोक कुमार सिंघल ने आकांक्षा की सफलता पर उसे बधाई दी और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने बताया कि आकांक्षा को उन्होंने नजदीक से पहले ही पहचान लिया था कि वह कोई बड़ा काम करके दिखाएगी। उनका अनुमान आज सच हुआ। यह मेवाड़ के लिए गौरव की बात है। आकांक्षा के पिता शिवपूजन तिवारी व माता सरस्वती तिवारी भी साथ थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने आकांक्षा को कभी बेटी जैसा नहीं समझा। उसे हर अच्छे काम की आजादी दी। एक दोस्त की तरह सदा उससे व्यवहार किया। प्रेस वार्ता में मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डाॅ. आरपी उपाध्याय, उपप्राचार्य करुण कुमार कौशिक, सहायक निदेशक डाॅ. चेतन आनंद आदि भी मौजूद थे।