श्रावणी काव्य संध्या में लोगों ने सरस कविताओं  के साथ लिया रसीले आमों की दावत का आनंद

गाजियाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् ट्रांस हिंडन इकाई की ओर से वसुंधरा सेक्टर तीन स्थित स्प्रिंगडेल्स पब्लिक स्कूल में श्रावणी काव्य संध्या और रसीले आमों की दावत का शानदार आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार विजय किशोर मानव ने की। इस अवसर पर जयपुर से पधारे वरिष्ठ कवि गोप कुमार मिश्र, कारगिल युद्ध में शौर्य प्रदर्शन करने के लिए भारत सरकार से सम्मानित कर्नल एन.बी.सक्सेना, अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, मेरठ प्रांत के संयुक्त महासचिव और वरिष्ठ कवि डाॅ. चेतन आनंद एवं अभासाप, ट्रांस हिंडन इकाई के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार बीके वर्मा ‘शैदी’ का विशेष सान्निध्य प्राप्त हुआ। इकाई के संरक्षक प्रशांत गुप्ता ने भी कार्यक्रम में उपस्थित होकर साहित्यकारों की हौसला-अफजाई की। अभासाप, ट्रांस हिंडन के सचिव पीयूष कांति ने काव्य-संध्या का सुंदर संचालन किया।  सुपरिचित कवयित्री वंदना कुँवर रायजादा ने मधुर स्वर में मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया। इस अवसर पर ममता लड़ीवाल, मयंक राजेश, आशीष प्रकाश सक्सेना, जगदीश मीणा, मनोज कामदेव, शोभा सचान, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् गाजियाबाद इकाई के अध्यक्ष बीएल बत्रा अमित्र, नीरजा चतुर्वेदी, प्रीति गोयल, मुस्कान शर्मा, उदय रस्तोगी, मीनाक्षी शर्मा, विनय टोंक आदि समेत लगभग 20 कवि-कवियत्रियों ने काव्य-वर्षा की और श्रावण के माह को और सरस बना दिया। लगातार तालियों के बीच अपने उम्दा काव्य-पाठ के उपरांत डाॅ. चेतन आनंद ने अभासाप की विभिन्न नवगठित इकाइयों के संबंध में भी उपस्थित श्रोताओं एवं कवियों को जानकारी दी। कर्नल सक्सेना ने बताया कि 20 जुलाई का दिन कारगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिन्दी काव्य संध्या में उपस्थित होकर वह अपने मूल से जुड़ रहे हैं। क्योंकि हिन्दी उनकी आत्मिक भाषा है। गोप कुमार मिश्र ने अपने माहिया, गीतों और आंचलिक भाषा के गीत से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया। श्रावणी संध्या का विशेष आकर्षण रहीं बीके.वर्मा ‘शैदी’ की आम पर रचित मनमोहक कविताएं। शुद्ध हास्य की इन कविताओं ने लोगों का बहुत मनोरंजन किया। उनकी ‘आम’ कविता सबसे खास रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विजय किशोर मानव ने अपने उद्बोधन में बताया कि कविता को अपने समय की सचबयानी निर्भीकता से करनी चाहिए। उनकी छंदमुक्त कविताओं ने भी श्रोताओं के विचार-आकाश का विस्तार किया और कविता के सही मर्म को समझने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के सुंदर आयोजन के लिए अभासाप के उपाध्यक्ष मयंक राजेश, सचिव पीयूष कांति और स्प्रिंगडेल्स स्कूल के संचालक उदय रस्तोगी की सभी ने विशेष प्रशंसा की। बीके.वर्मा ‘शैदी’ के आभार ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का सुंदर समापन हुआ। सभी अतिथियों नें कविताओं का आनंद उठाने के उपरांत रसीले आमों, जयपुरी लड्डुओं और कच्ची ठंडी लस्सी का भरपूर आनंद उठाया।

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