भारत विश्व के लिए साहित्य का प्रणेता हैः प्रो. वाईडी शर्मा

साहित्य एवं काव्य गोष्ठी का हुआ सफल आयोजन
काव्य गोष्ठी में दो दर्जन से अधिक कवियों ने काव्यपाठ कर सभी को किया मंत्रमुग्ध
 नोएडा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् नोएडा इकाई के तत्वावधान में रविवार को सेक्टर-27 स्थित कैलाश सभागार में साहित्य संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया।  कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। व्याख्यान कार्यक्रम में वक्ताओं ने साहित्यिक परिचर्चा के दौरान अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद की नोएडा इकाई के अध्यक्ष बाबा कानपुरी ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, नोएडा के प्रोफेसर वाईडी शर्मा ने कहा कि भारत साहित्य के मामले में दुनिया के अन्य देशों से कहीं आगे है। यही वजह है कि भारत को विश्व में साहित्य का ज्ञाता और प्रणेता माना जाता है। उन्होंने ऐतिहासिक तत्थों के आधार पर स्पष्ट किया कि किस प्रकार साहित्यिक विधाओं की जड़ें मजबूत करने में भारतीय साहित्यकारों ने अपना योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि यह परंपरा आज की ही नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही है, क्योंकि हमारे पूर्वजों ने ज्ञान के जिस सूत्र को पकड़कर रचनाएं लिखीं हैं, उनका महत्व आज तक है और आगे भी रहेगा। उन्होंने ऋग्वेद का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे सबसे पुरानी कृति माना गया है और आज भी वेदों के महत्व को हर कोई जानता है और आने वाली पीढ़ी भी इसके महत्व को समझे, इसके लिए हमें उस परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् मेरठ प्रांत के अध्यक्ष देवेंद्र देव ‘मिर्जापुरी’ ने कहा कि इस दौर में परिषद् की इकाईयों का गठन बहुत सुखद अहसास है, क्योंकि सोशल मीडिया के दौर में भी लोग किताबों से प्यार करें, साहित्य से प्यार करें, यह बहुत जरूरी है। ऐसी ही परंपरा इसे आगे बढ़ा सकती है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के नोएडा इकाई के अध्यक्ष बाबा कानपुरी ने कहा कि नोएडा जैसे मॉडर्न शहर में साहित्य का नाता बहुत पुराना रहा है, लेकिन समय के साथ-साथ जिस प्रकार यह नाता गहराता जा रहा है, उससे लगता है कि लोगों की साहित्य में रुचि पहले की तरह बनी हुई है। उन्होंने कहा कि परिषद् इस परंपरा को आगे ले जाने के लिए अथक प्रयास करता रहेगा।  अखिल भारतीय साहित्य परिषद् मेरठ प्रांत के संयुक्त महासचिव डॉ. चेतन आनंद ने कहा कि परिषद् की नई इकाईयों का गठन इसी प्रकार आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम से साहित्यिक प्रतिभाओं को मंच पर लाने का प्रयास तो किया ही जा रहा है, बल्कि उन्हें निखारने का काम भी किया जा रहा है। समय के साथ-साथ इसमें और भी गतिशीलता आएगी। इस दौरान प्रसिद्ध कवयित्री, वरिष्ठ शिक्षिका, डॉन बोस्को स्कूल, अलकनंदा ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली संगीता तनेजा, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् ट्रांस हिंडन इकाई के अध्यक्ष ब्रज किशोर वर्मा ‘शैदी’ ने भी अपना वक्तत्व दिया। व्याख्यान कार्यक्रम के बाद काव्य गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें शहर व शहर के बाहर से आए कवियों ने काव्यपाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। दोनों सत्रों का कुशल संचालन नीरजा चतुर्वेदी और ममता लड़ीवाल ने किया। सरस्वती वंदना अखिल भारतीय साहित्य परिषद की कोषाध्यक्ष व सुपरिचित कवयित्री वंदना कुँअर रायजादा ने की।काव्य पाठ करने वाले कविगण थे- राज चैतन्य, रामवीर आकाश, अटल मुरादाबादी, डॉ श्वेता त्यागी, राहुल जैन, शोभा सचान, नीलम भागी, अवनीश उपाध्याय आदि। इस दौरान नोएडा इकाई के संरक्षक कमल पाण्डेय, सचिव सूर्यप्रकाश सोनी के अलावा अन्य पदाधिकारियों में महावीर शर्मा, सुनील सुरमयी, बिशन पपोला, व्यंजना पाण्डेय, सुनीता मिश्रा, अंजली सिसौदिया, नीरज शर्मा, आदित्य देव त्यागी व हर्षित आदि भी उपस्थित रहे।

News Reporter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *