गाजियाबाद। गोविंदपुरम स्थित आइडियल इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में इंटरपर्सनल इफेक्टिवनेस विषय पर फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कॉलेज के वाइस चेयरमैन डॉ. अतुल कुमार जैन ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए कहा कि मानवीय व्यवहार और आपसी सम्वन्धों का बहुत बड़ा महत्व होता है। डाॅ. जैन ने सीनियर्स तथा जूनियर्स के संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऐप्टिट्यूड, मोटिवेशन तथा किसी व्यक्ति के भिन्न-भिन्न दशाओं में उसके बदले हुए व्यवहार के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि बच्चे के विकास में माँ से ज्यादा योगदान शिक्षक का होता है क्योंकि वह छात्र को आने वाली चुनौंतियों के लिए तैयार करता है। कछुआ तथा खरगोश की कहानी द्वारा उपस्थित शिक्षकों को बताया कि लगातार प्रयास करते रहना चाहिए जब तक कि लक्ष्य को प्राप्त न कर लें। कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. एसआर. पांडेय ने कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम द्वारा शिक्षकों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ ह्यूमन रिलेशन को कैसे सामान्य बनाये रखा जाए ये जानकारी मिलती है, शिक्षकों को कठिन मेहनत तथा ईमानदारी की शिक्षा एक कविता सुनाकर दी- अधिकार खोकर बैठे रहना, यह महादुष्कर्म है। न्यायार्थ अपने बंधू को दंड देना धर्म है। प्रोफेसर एससी. कपूर ने बताया कि किसी संस्थान की सत्तर प्रतिशत सफलता उसके मानव संसाधन के आपस के संबंधों तथा सामंजस्य से प्राप्त होता है। उन्होंने अंडरस्टैंडिंग कन्फ्लिक्ट्स मैनेजमेंट पर जोर दिया तथा विभिन्न प्रकार की प्रैक्टिकल तथा वीडियो द्वारा समझाया ताकि इन बहुमूल्य मानव प्रबंधन के विषय में सही प्रयोग किया जा सके जिससे कि सुपरवाइजर व उनके साथ काम करने वालों की कार्य क्षमता का विकास हो। कॉरपोरेट स्पीकर डॉ. अंजू चावला ने डिसीजन मेकिंग प्रोसेस फॉर बॉस सबोर्डिनेट कलीग एंड इट्स मैनेजमेंट विषय पर लाइव एक्सरसाइज के द्वारा समझाया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया।