यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी, गाजियाबाद के प्रबंध निदेशक डॉ पीएन अरोड़ा ने बताया कि उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता लाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। उच्च रक्तचाप या हाई बीपी की समस्या पिछले कुछ सालों में बढ़ी है और हृदय रोगों, किडनी के निष्क्रिय होने जैसी अनेक समस्याओं के पीछे रक्तचाप अधिक होना प्रमुख वजह है। कई रोगियों को अधिक रक्तचाप का पता नहीं चलता क्योंकि कोई खास लक्षण नहीं होता। सिर में दर्द, देखने में दिक्कत, नींद सही से नहीं आने जैसी समस्याओं की जांच के लिए जब लोग जाते हैं तो पता चलता है कि रक्तचाप बढ़ा हुआ है। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी, गाजियाबाद के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर असित खन्ना जो कि एक वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट हैं एवं अभी तक 10,000 से ज्यादा एंजियोग्राफी कर चुके हैं एवं 4100 से ज्यादा एंजियोप्लास्टी भी कर चुके हैं, अपने वृहद् कार्यकाल के अनुभव से डॉ खन्ना ने जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम ” नो योर नंबर्स विथ ए गोल ऑफ़ इंक्रीसिंग हाई ब्लड प्रेशर (बी पी) अवेयरनेस इन आल पॉपुलेशन्स अराउंड द वर्ल्ड “है । बताया, ‘उच्च रक्तचाप एक साइलंट किलर है। इसके अपने कोई विशेष लक्षण नहीं होते। कई बार रोगियों को सिर में दर्द या चक्कर आने की शिकायत होती है, लेकिन अधिकतर मस्तिष्क, हृदय, किडनी और आंखों पर असर होता है।’ डॉ खन्ना बताते हैं , ‘रोजाना 25 से 30 मिनट की कसरत, कम नमक का प्रयोग, कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। इसका बीपी रोगियों पर सकारात्मक असर दिखाई देता है। बीपी रोगियों को उपचार और दवाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।’ हाइपरटेंशन हाई ब्लड प्रेशर वह स्थिति होती है, जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें तनाव, फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, धूम्रपान का सेवन आदि शामिल है। सामान्य ब्लड सर्कुलेशन का रेंज 120/80 एमएम एच होता है। हाइपरटेंशन बढ़ने से इसका असर शरीर के मुख्य अंगों जैसे, ब्रेन, किडनी, हृदय, आंख आदि पर होता है। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी, गाजियाबाद के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर धीरेन्द्र सिंघानिया ने जानकारी देते हुए कहा कि फास्ट फूड और फास्ट लाइफ ने हमारी जीवनशैली को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। गड़बड़ जीवनशैली धीमे से कब हमें कई गंभीर व घातक बीमारियों का शिकार बना लेती है, पता भी नहीं चल पाता। ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है ‘हाई ब्लड प्रेशर’, जिसे ‘साइलेंट जानलेवा या घातक बीमारी’ भी कहते हैं। डॉ सिंघानिया का कहना है सिर दर्द, नजर कमजोर होने, नींद सही से नहीं आने जैसी समस्याओं की जांच के लिए जब लोग जाते हैं तो पता चलता है कि रक्तचाप बढ़ा हुआ है और नियमित दवाई से ही इसे नियंत्रित रखा जा सकता है। कई बार रोगियों को सिर में दर्द या चक्कर आने की शिकायत होती है लेकिन ज्यादातर बार मस्तिष्क, हृदय, किडनी और आंखों तक पर असर होता है। अगर आप भी जिंदगी में अधिक तनाव लेने लगे हैं, तो संभल जाइए। यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। गलत खानपान की आदतों के कारण हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को दावत देते है। इसे साइलेंट किलर बीमारी भी माना जाता है। यह जानकर हैरानी होगी कि हार्ट अटैक हाइपरटेंशन की वजह से भी हो सकता है। इसके प्रति लोगों के बीच जागरुकता लाने के लिए 17 मई को विश्व “उच्च रक्तचाप दिवस यानी वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे” मनाया जाता है और समय पर बीपी पर नजर रखकर और उसे नियंत्रित रखकर जटिलताओं को कम किया जा सकता है। रोजाना 25 से 30 मिनट की कसरत, कम नमक का प्रयोग, कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है और इसका बीपी रोगियों पर सकारात्मक असर दिखाई देता है। बीपी रोगियों को उपचार और दवाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ सिंघानिया बताते हैं कि ग्रामीण आबादी भी उच्च रक्तचाप की शिकार है और आज लगभग हर तीसरा भारतीय इस समस्या का शिकार है। यह लोगों की मृत्यु की भी बड़ी वजह है। पिछले कुछ सालों में बदली जीवनशैली ने लोगों के हाइपर टेंशन को बढ़ाया है। इनमें शारीरिक व्यायाम की कमी, अधिक नमक और बसा वाला जंक फूड, अल्कोहल और तंबाकू के सेवन और मानसिक तनाव आदि कारण हो सकते हैं।
# उच्च रक्तचाप एक साइलंट किलर है, हर तीसरा भारतीय इस समस्या का शिकार है