दूसरों की खुशी में खुश होना सीखें- बहन येशु
गाजियाबाद। ‘ध्यान मुद्रा आपकी आंतरिक स्थिरता को बढ़ाती है। आपको सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज करती है। इसलिये रोजाना ध्यान लगाकर बैठें और खुद को पहचानने की कोशिश करें। दूसरों की खुशी में खुश होना सीखें।’ ये विचार मानव सेवा को समर्पित ओम शांति रिट्रीट सेंटर गुरुगांव की प्रवक्ता बहन बीके येशु ने व्यक्त किये। वह वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में मेवाड़ परिवार के सदस्यों व विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रही थीं। ‘मेडिटेशन फाॅर इनर स्टेबिलिटी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि रोजाना जो कुछ भी आप करें, ध्यान लगाने के बाद उनपर विचार करें। अपने पर केन्द्रित हों। आप सोचें कि आज आपने क्या सकारात्मक कार्य किया। क्या सकारात्मक विचार आपके जेहन में आये। आप जब इन बातों व विचारों को जानने लगेंगे तो पाएंगे कि आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अर्जन हो रहा है। आपके भीतर एक ठहराव आ रहा है। आप निश्चिन्तता की ओर बढ़ने लगे हैं। बस यही जीवन को स्थिर करने का ठोस उपाय है, जो आपको हमेशा खुश रख सकता है। एक वीडियों के जरिये उन्होंने उपस्थित लोगों को मेडिटेशन करने की तकनीकी विधि से रूबरू कराया। बहन येशु के साथ आये अमित भाई ने अपने जीवन का वृत्तांत सुनाते हुए कहा कि ब्रह्मा कुमारीज की शरण में आकर और ध्यान मुद्रा के जरिये ही वह आज खुशहाल जीवन जी रहे हैं। इसलिए जीवन को खुशहाल बनाना सीखें। बहुत शांति मिलेगी। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने कहा कि दूसरों की खुशी में अपनी खुशी तलाशने का नाम ही असली जीवन जीना है। मानव धर्म भी यही सिखाता है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच हमें ऊर्जावान बनाती है। हमें भीतरी ताकत प्रदान करती है। इसलिए भीतर से मजबूत होने के लिए ध्यान लगायें। सकारात्मक सोचें, दूसरों को खुश देखना सीखें। यही सच्चे जीवन का मूलमंत्र है। इससे पूर्व मेवाड़ ग्रुप के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया व डाॅ. अलका अग्रवाल ने आमंत्रित अतिथि वक्ताओं को गुलदस्ते व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। दो घंटे चले इस विशेष सत्र में उपस्थित लोग ध्यान मुद्रा के विभिन्न तकनीकी पहलुओं से रूबरू हुए। सफल संचालन सुमेधा गंजू ने किया।