मेवाड़ में नववर्ष पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया के जन्मदिवस और नववर्ष के शुभ आगमन पर आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में कवियों ने कविताओं के जरिये उपस्थित श्रोताओं को खूब हंसाया तो उनमें देशभक्ति का जोश भी भरा। लगभग चार घंटे चले कार्यक्रम में एक कैलेंडर व भव्य कोलाज का विमोचन हुआ तो दो वृत्तचित्रों के माध्यम से मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की नवीन योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। सहारनपुर से पधारे सुप्रसिद्ध गीतकार राजेन्द्र राजन ने कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने अपनी गजल के अशआरों, मुक्तकों व गीतों के जरिये श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। उनकी इन पंक्तियों को विशेष रूप से सुना गया- कि जिनके दिल पे लगती है वो आंखों से नहीं रोते, जो अपनों के नहीं होते किसी के भी नहीं होते। मशहूर कवयित्री अंजु जैन के मुक्तक और गीतों ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। मां वाला गीत सुनकर सबकी आंखें नम हो गईं। गीत की पंक्तियां इस प्रकार थीं- ‘मेरे तन-मन की मिट्टी में प्राण बनकर घुली है मां, नमक जैसी जरूरी और कभी गुड़ की डली है मां।’ देश के सुप्रसिद्ध हास्य कवि महेन्द्र अजनबी ने पूरे कवि सम्मेलन का संचालन अपने निराले अंदाज में करके श्रोताओं को बांधे रखा। अपनी हास्य रचनाओं से उन्होंने सबको खूब लोटपोट किया। सुपरिचित कवि डाॅ. चेतन आनंद ने नववर्ष पर सकारात्मक ऊर्जामयी कविताओं को सुनाकर लोगों से जमकर तालियां बटोरीं। उन्होंने सुनाया- ‘अगर है हौसला तो हर कदम के साथ-साथ चल, रुकावटें करेंगीं क्या अगर इरादे हैं अटल, जिधर-जिधर मुड़ेगा तू उधर मुड़ेंगे रास्ते, अगर चराग है तो जल तू आंधियों के सामने।’ प्रसिद्ध हास्य कवि इंद्र प्रसाद अकेला ने अपनी रचनाओं से सभी को खूब गुदगुदाया तो युवा कवि मोहित संगम की ओजस्वी रचनाओं ने सबके दिलों में जोश भर दिया। अंत में मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन के अलावा पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन कवि व पत्रकार डाॅ. चेतन आनंद ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय, महेश चंद शर्मा, रियाज, एमएल गुप्ता, मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल, संजय अग्रवाल समेत भारी संख्या में मेवाड़ परिवार के सदस्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।