गाजियाबाद। एन्टरप्रिनियोरशिप डवलपमेंट इंस्टीट्यूट आॅफ इंण्डिया, अहमदाबाद द्वारा डीएसटी नीमेट प्रोजेक्ट पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में नाॅर्थ ज़ोन के राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखण्ड के 55 संस्थानों के 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएसटी की वैज्ञानिक ष्ईष् डाॅ. ऊषा दीक्षित, डीएसटी नीमेट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर प्रो. एसबी. सरीन नेशनल प्रोजेक्ट काॅर्डिनेटर प्रकाश सोलंकी, एबीईएस इंजीनियरिंग काॅलेज के डीन एकेडमिक प्रो. गजेन्द्र सिंह व एबीईएसईसी स्र्टाट अप्स लैब के विभागाध्यक्ष महेन्द्र गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने सम्बोधन में एबीईएसईसी के डीन एकेडमिक प्रो. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि आज नौकरी प्राप्त करना एक बहुत मुश्किल कार्य है और निकट भविष्य में नौकरी प्राप्त करना और भी कठिन हो जायेगा। अतः छात्रों को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए और उद्यमिता के महत्व को समझते हुए प्राध्यापकों को इस क्षेत्र में पूर्ण मेहनत और लगन के साथ कार्य करना चाहिए। डाॅ. ऊषा दीक्षित ने उद्यमिता के महत्व को बताते हुए कहा कि डीएसटी और ईडीआईआई, अहमदाबाद का उद्देश्य उद्यमिता विकास को प्रोत्साहन देना है। अतः आवश्यक है कि सरकार द्वारा प्रदत्त वित्तीय कोष का उपयोग सही प्रकार से और उचित कार्यक्रमों के सफल संचालन में किया जाये। प्रो. सरीन ने प्रतिभागियों को उद्यमिता विकास के विभिन्न कार्यक्रमों व उनके उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। नेशनल प्रोजेक्ट काॅर्डिनेटर प्रकाश सोलंकी ने ईडीआईआई और उद्यमिता विकास में इसी प्रकार की अन्य सहयोगी संस्थाओं के इतिहास के बारे में बताया। महेन्द्र गुप्ता ने बताया कि संस्थान ने पिछले 2 वर्षों में एबीईएसईसी स्र्टाटअप्स लैब के माध्यम से 12 स्टार्टअप्स को जन्म दिया है, जिसमें से 2 स्टार्टअप्स ने अपना उद्यम सफलतापूर्वक संस्थान के बाहर गुड़गाॅंव में स्थापित कर लिया है। डीएसटी व ईडीआईआई, अहमदाबाद से आये प्रतिनिधियों ने संस्थान में स्थापित इन्क्यूबेशन सेंटर ;एबीईएसईसी स्र्टाटअप्स लैबद्ध का भ्रमण भी किया। कार्याशाला का अंतिम चरण प्रश्नोत्तर सत्र रहा, जिसमें प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रश्न पूछकर उनके हल प्राप्त किये। इस कार्यशाला को संस्थान के अध्यक्ष नीरज गोयल, उपाध्यक्ष सचिन गोयल व एडवाइज़र रघुनन्दन कंसल द्वारा प्रोत्साहित किया गया।