गाजियाबाद। विश्व सीओपीडी दिवस (दीर्घकालीन दमा या काला दमा) के अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी में आयोजित हेल्थ टॉक में लोगों को निःशुल्क लंग स्क्रीनिंग टेस्ट, परामर्श एवं फेफड़ों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाये रखने एवं स्वस्थ रखने के टिप्स दिये गये। वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. केके पांडेय, डॉ. अर्जुन खन्ना, डॉ. अंकित सिन्हा ने आये हुए 100 से भी ज्यादा लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है। इसमें सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। यह सूजन निरंतर बढ़ती रहती है जिससे आगे चलकर फेफड़े छलनी हो जाते हैं। इसे एम्फायसेमा कहते हैं। सीओपीडी का मुख्य उपचार रिस्क फैक्टर को रोकना है। रिस्क फैक्टर जैसे चूल्हे का धुआं, धूल और प्रदूषण आदि से बचना जरूरी है। डॉ. अर्जुन खन्ना ने कहा कि घर के अंदर का प्रदूषण भी बहुत खतरनाक हो सकता है, उन्होंने पुणे की चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन में हुई एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि घरों के अंदर जलाई जाने वाली मच्छर भगाने वाली एक कॉयल लगभग चार पैकेट सिगरेट के बराबर होती है। डॉ. खन्ना ने देशी जुगाड़ों से भी बचने की सलाह देते हुए कहा कि मच्छर भगाने की लिक्विड की खाली शिशियों में नीम एवं केरोसिन का मिक्सचर बनाकर कभी प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि मच्छरदानी एक सरल एवं सस्ता स्वास्थ्यरक्षक उपाय है। डॉ. अंकित सिन्हा ने कहा कि घर के अंदर सफाई सूखे कपडे की बजाय गीले कपडे से करनी चाहिए, क्योकि पर्दो, छज्जांे, अलमारियों, पंखे, ट्यूब लाइट के ऊपर जो धूल बैठी होती है उसमें डस्ट माइट नाम का जीवाणु होता है जो फेफड़ों में संक्रमण कर सकता है। साथ ही डस्ट माइट से बचने के लिए तकिये, तकिये के खोल, चादर, गद्दे, रजाई, कम्बल आदि को नियमित रूप से धूप दिखाते रहना चाहिए। डॉ अर्जुन खन्ना ने कहा कि प्रदूषण से बचने के लिए मास्क उपयोगी है। आजकल ऐसे भी मास्क उपलब्ध हैं जो तीन से चार महीने तक चल सकते हैं। डॉ केके पांडेय ने कहा कि एक बहुत बड़ी भ्रान्ति है कि इन्हेलर्स लेने से उनकी आदत पड़ जाती है, आज इसको तोड़ने की आवश्यकता है। इन्हेलर्स ज्यादा प्रभावी है। दवाई, सीधे फेफड़ों तक पहुँचती है। इसके दुष्प्रभाव भी कम हैं। डॉ अर्जुन खन्ना ने लोगों को एन 95 मास्क पहनने के सही तरीकों को बताया और लोगों के सवालों का जवाब भी दिया। कार्यक्रम में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. सुनील डागर, गौरव पांडेय, राहुल साहनी, गौरव, पूजा आदि मौजूद रहे।