दबे पाँव आता है हार्ट अटैक

यशोदा अस्पताल में विश्व हृदय दिवस पर हुई स्वास्थ्य चर्चा, कराया योग
गाजियाबाद। विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर स्वस्थ ह्रदय के लिए एक हेल्थ टॉक एवं योग का आयोजन किया गया। कौशाम्बी स्थित यशोदा सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ धीरेन्द्र सिंघानिया, डॉ असित खन्ना, डॉ आनंद मिलिंद उमरे की उपस्थिति में यह स्वास्थ्य चर्चा एवं योग कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन यशोदा हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ पीएन अरोड़ा ने किया। डॉ धीरेन्द्र सिंघानिया ने कहा कि हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग ह्रदय है। ह्रदय के साथ जरा-सी लापरवाही हमें मौत के मुंह में धकेल सकती है। हार्ट अटैक के संभावित लक्षणों के बारे में यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियो लॉजिस्ट डॉ. असित खन्ना ने बताया कि हार्ट अटैक कितना भी दब ेपांव क्यों न आए, उसके कुछ लक्षण पहले से नजर आने लगते हैं। सीने में दर्द हार्ट अटैक का सबसे पहला लक्षण होता है। दिल के करीब सीने में दर्द। यह बाजू, जबड़े और पीठ तक जाता है। ज्यादा तनाव से सीने में भारीपन महसूस होत ा है और खांसी भी आती है। आराम करने से या सॉर्बिट्रेट की गोली लेने से भी इस समस्या में राहत नहीं मिलती है। इस तरह का दर्द आमतौर पर एक घंटे से अधिक समय तक रहता है। पसीना आना हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों में से एक है। सीने में दर्द के साथ सामान्य से अधिक पसीना आना। मरीज को पहले से कोई परेशानी नहीं होती है और बिना किसी वजह के अचानक उसे पसीना आने लगता है। सांस लेने में तकलीफ, आराम करते समय भी घबराहट या घुटन जैसा महसूस करना, हृदयाघात के प्रमुख लक्षणों में से एक होता है। मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है या ऐसा लगता है जैसे उसे सांस लेने में काफी मेहनत करनी पड़ रही है। दम फूलना और खांसी आना, मरीज की सांस फूलने के साथ ही उसे खांसी भी आती है। उसे झागदार बलगम की भी समस्या हो सकती है। इस कफ का रंग गुलाबी हो सकता है या इसमें खून क ेनिशान भी हो सकते हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब है कि मरीज के फेफड़ों से खून आ रहा है। यह हार्टफेल होने की निशानी है। आंखों के सामने अंधेरा छा जाना, यह समस्या ब्लड प्रेशर कम होने या दिल की धड़कन कम होने की वजह से हो सकती है। इसे बिल्कुल नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। साइलेंट अटैक, इनमें से कोई भी लक्षण या सभी लक्षण एक साथ हो सकते हैं। इसके बावजूद हार्ट अटैक बिना किसी संकेत के दस्तक दे सकता है। यह साइलेंट हार्ट अटैक होता है, जो डायबिटीज के मरीजों और ज्यादा उम्र क ेलोगों में अक्सर देखा जाता है। डॉ आनंद मिलिंग उमरे ने बताया कि यह जानना बहुत मुश्किल है कि दिल की बीमारी कब किसे अपना शिकार बनाएगी। इसलिए अपने दिल की खुद निगरानी करना बेहद जरूरी होता है। यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियो लॉजिस्ट डॉ. असित खन्ना का कहना है कि दिल की बीमारी के मामले में सतर्कता बेहद जरूरी है। आज की जीवन शैली और खानपान को देखते हुए सेहत को नजर अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के संभावित खतरों के बारे में इस टेस्ट के जरिए पता लगाया जा सकता है।

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