ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन का हौसला काॅन्क्लेव-2018 आयोजित

कैंसर जागरूकता के हुई पैनल वाताएं, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने किया उद्घाटन

सिने तारिका मनीषा कोईराला ने लोगों को कैंसर से बचाव की दी महत्वपूर्ण जानकारियां

डाॅ. अलका अग्रवाल समेत अनेक हस्तियों को किया सम्मानित

नई दिल्ली। कैंसर के खिलाफ संघर्ष में जुटे ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन का द्वि-वार्षिक कार्यक्रम ‘हौसला कॉन्क्लेव 2018’ दूसरा संस्करण हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि भारत सरकार में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चैबे ने दीप जलाकर किया। हौसला काॅन्क्लेव में राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला, मनोज तिवारी, मशहूर सिने अभिनेत्री मनीषा कोइराला, अतिरिक्त सचिव और डीजी (स्वास्थ्य), भारत सरकार संजीव कुमार, सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी, संयुक्त सचिव, दिल्ली मनोहर अग्निनी, संयुक्त सचिव, भारत सरकार श्रवण कुमार, न्यूरो साइंस, एम्स, दिल्ली के चीफ डॉ. कामेश्वर प्रसाद, ओन्कोलॉजी, मैक्स अस्पताल, दिल्ली के अध्यक्ष डॉ हरित चतुर्वेदी, जेएपीईई अस्पताल, दिल्ली के अतिरिक्त निर्देशक डॉ. पवन गुप्ता, ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की अध्यक्ष स्नेहा रूत्रे आदि शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। जबकि फाउंडेशन के सचिव गंगा कुमार ने स्वागत पत्र, प्रगति रिपोर्ट समेत अन्य गतिविधियों पर प्रकाश डाला। नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन करने, नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन करने में नागरिक समाजों की भागीदारी और एनसीडी रोकथाम और स्वास्थ्य प्रचार के लिए युवाओं को शामिल करने पर जीवंत पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। जिसमें कई प्रतिभागियों ने एक बहुत ही जीवंत प्रश्नावली सत्र के माध्यम से अपने प्रश्नों का समाधान किया। हौसला कॉन्क्लेव 2018 को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अश्विनी कुमार चैबे ने कहा कि हर साल लाखों भारतीय कैंसर की खबर से तबाह हो जाते हैं। औसतन 1,300 से अधिक भारतीय हर दिन डरावनी बीमारी के शिकार हो जाते हैं। भारत में नए कैंसर के मामलों या इसकी घटनाओं के साथ वर्ष 2020 तक 25 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा जारी कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार), कैंसर देश में होने वाली मौत के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है। महिलाओं, विशेष रूप से, कैंसर से तेजी से निदान किया जा रहा है। हम सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि जीवन शैली के विकल्प हमारे समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और कई प्रकार के कैंसर सीधे अस्वास्थ्यकर आदतों से जुड़े होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर साल लगभग दस लाख नए कैंसर के मामलों का निदान किया जाता है। वर्ष 2035 तक हर साल कैंसर के कारण मृत्यु की संख्या 1.2 मिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। सभी कैंसर का अनुमानित दो तिहाई रोकथाम योग्य है लेकिन इसके लिए यह जानना जरूरी है। सूचना और शिक्षा कैंसर की रोकथाम, प्रारंभिक पहचान और उपचार विकल्पों के बारे में निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हौसला कॉन्क्लेव कैंसर जागरूकता के बारे में नवीनतम विचार लाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। कैंसर न सिर्फ रोगी बल्कि परिवार की लड़ाई है।

कैबिनेट के क्षेत्र में ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की गतिविधियों की सराहना करते हुए राजीव शुक्ला और मनोज तिवारी ने आशा व्यक्त करते हुए कि इस तरह के निरंतर काम से लोगों को इस के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कैंसर के क्षेत्र में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। गैर-सरकारी संगठनों जैसे ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन द्वारा निरंतर प्रयास और सहयोगी उद्यम के माध्यम से कई कीमती जान और समयपूर्व मौतें बचा सकती हैं। एक कैंसर महामारी राष्ट्र के साथ हताश होने के साथ, भारतीयों को खुद को ज्ञान के साथ बांटने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई का भविष्य उनके शरीर के जीवनशैली में बदलाव के बारे में लोगों की जागरूकता के बारे में निर्भर करता है। संजीव कुमार ने अपने भाषण में ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन जैसे स्वयंसेवी संगठनों द्वारा इस तरह की गतिविधियों से इस देश के कैंसर रोगियों के पीड़ितों को कम करने में मदद मिलेगी। मनोहर अग्निनी और श्रवण कुमार समाज के बीच आवश्यक फैलाव की आवश्यकता को समझते हुए ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अगर निदान जल्दी किया जाता है तो कैंसर एक इलाज योग्य बीमारी है। नागरिक समाजों को बढ़ावा देने, नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन करने पर पैनल चर्चा में विकास शील, संयुक्त सचिव, भारत, डॉ पवन गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक, जेपी अस्पताल, नोएडा, डॉ बुलबुल सूद, ईडी, झिपीगो इंडिया, दिल्ली, डॉ पूनम मुटरेजा, ईडी, पीएफआई, दिल्ली, डॉ सुनील मेहरा, ईडी, ममता, दिल्ली, डॉ मोनिका अरोड़ा, ईडी, एचआरआईडीएई, दिल्ली ने सक्रिय भागीदारी की और मोहम्मद आसिफ, निदेशक, योजना भारत, दिल्ली ने मध्यस्थ के रूप में कार्य किया। एनसीडी रोकथाम और स्वास्थ्य पदोन्नति के लिए युवाओं को शामिल करने पर आगामी पैनल चर्चा में डॉनिर्जन नाइक, निदेशक, स्तन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ओन्को-सर्जरी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव ने मध्यस्थ के रूप में कार्य किया, जबकि श्री राजीव कुमार, निदेशक (एनसीडी), डॉ. आर. संकरनाराणन, सीनियर एडवाइजर, आरटीआई इंडिया, दिल्ली, प्रो (डॉ) एसके सरीन, निदेशक, जिगर संस्थान और बिलीरी साइंसेज, दिल्लीय डॉ हरित चतुर्वेदी, अध्यक्ष, ओन्कोलॉजी, मैक्स अस्पताल, दिल्ली, नीरज जैन, ईडी, पाथ, दिल्ली, डॉ कल्याणशीश दास, सीनियर एडवाइजर, प्लान इंडिया, दिल्ली और डॉजमोहिह (जेमी) टोंसिंग, क्षेत्रीय निदेशक, संघ, दिल्ली ने पैनलिस्ट के रूप में योगदान दिया।

मनीषा कोइराला ने कैंसर की रोकथाम, उससे बचने के उपायों सहित अपने संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में लोगों को जानकारी दी। आजतक टीवी चैनल के मशहूर उद्घोषक सईद अंसारी ने कुशलतापूर्वक उनके सवाल-जवाब किये। इस अवसर पर एक त्रैमासिक पत्रिका माइंड, बॉडी एंड सोल डॉ मीनू वालिया, संरक्षक, ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन, दिल्ली अध्यक्ष द्वारा लॉन्च की गई। कार्यक्रम का सबसे आकर्षक हिस्सा कैंसर से बचने वालों की कहानियां थीं, जिन्होंने हौसला की सच्ची भावना को प्रतिबिंबित किया और दर्शकों को कैंसर से परे एक सार्थक जीवन जीने की कला के साथ छेड़छाड़ की। मनीषा कोईराला ने मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल समेत अनेेक हस्तियों को उल्लेखनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया। कवि व पत्रकार चेतन आनंद का कैंसर जागरूकता पर लिख गीत भी मनीषा कोईराला को भेंट किया गया। वही गीत कैंसर से जूझकर उबरी महिलाओं ने गाकर खूब समां बांधा। अंत में फाउंडेशन की अध्यक्ष स्नेहा रूत्रे ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

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